अभिव्यक्ति में
सुरेश कुमार गोयल
की रचनाएँ
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कहानियों में
हिरासत के बाद
ग़लतफ़हमी
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सुरेश कुमार गोयल
सुरेश कुमार गोयल प्रवासी भारतीय हैं। उन्होंने
१९६७ में
भारत छोड़ कर यू के की ओर प्रस्थान किया जहां वे १९८१ तक
रहे और १९८२ में कैनेडा को कर्मस्थली बनाया। आजकल वे
कॉनकॉर्डिया विश्वविद्यालय के बिज़नेस स्कूल में प्रोफेसर
हैं।
आपकी पहली कहानी दीप्ति 'मुक्ता' में
१९८७ में प्रकाशित
हुई थी। तब से भारत की विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में उनकी
१३० से अधिक कहानियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं।
प्रभात प्रकाशन ने उनका एक उपन्यास 'अपने अपने नीड'
प्रकाशित किया है तथा दिल्ली प्रेस प्रकाशन लिमिटेड की ओर
से सरिता में प्रकाशित उनकी ४९ कहानियों का एक संकलन भी
प्रकाशित किया जा चुका है।
ई मेलः
sgoyal@vax2.concordia.ca
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