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व्यक्तित्व


अभिव्यक्ति में श्रीलाल शुक्ल
की रचनाएँ

कहानियों में
इस उम्र में

 

 

श्रीलाल शुक्ल  

जन्म- ३१ दिसम्बर १९२५ को लखनऊ जिले के अतरौली कसबे में।

शिक्षा- स्नातकोत्तर उपाधि। वर्ष १९४९ में उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक सेवा में चयन।

कार्यक्षेत्र-
सरकारी सेवा एवं लेखन। २६ साल की अवस्था से लेखन का प्रारंभ। १९८३ में राजकीय सेवा से सेवानिवृति के उपरांत लखनऊ में रहकर स्वतंत्र रूप से साहित्य साधना।

प्रकाशित कृतियाँ-

उपन्यास- सूनी घाटी का सूरज (१९५७), अज्ञातवास (१९६२), राग दरबारी (१९६८) आदमी का जहर (१९७२), सीमाएँ टूटती हैं (१९७३), मकान (१९७६), पहला पडाव(१९८७), बिस्रामपुर का सन्त (१९९८), बब्बर सिंह और उसके साथी (१९९९), राग विराग (२००१)।
व्यंग्य निबंध संग्रह- अंगद के पाँव (१९५८), यहाँ से वहाँ (१९७०), मेरी श्रेष्ठ व्यंग्य रचनाएँ (१९७९), उमरावनगर में कुछ दिन (१९८६), कुछ जमीन में कुछ हवा में (१९९०), आओ बैठ लें कुछ देर (१९९५), अगली शताब्दी के शहर (१९९६), जहालत के पचास साल (२००३), खबरों की जुगाली (२००५)।
कहानी संग्रह- ये घर में नहीं (१९७९), सुरक्षा तथा अन्य कहानियाँ (१९९१), इस उम्र में (२००३), दस प्रतिनिधि कहानियाँ (२००३)।
साक्षात्कार संग्रह- मेरे साक्षातकार (२००२)
संस्मरण- कुछ साहित्य चर्चा भी (२००८)
आलोचना- भगवती चरण वर्मा (१९८९), अमृतलाल नागर(आलोचना), अज्ञेयःकुछ रंग कुछ राग (१९९९)।
संपादन- हिन्दी हास्य व्यंग्य संकलन (२०००) आदि।

इनके उपन्यास रागदरबारी का अंग्रेजी सहित १६ भारतीय भाषाओं में अनुवाद हुआ है, इस पर दूरदर्शन ने एक धारावाहिक का निर्माण किया है तथा इसे साहित्य अकादमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।

पुरस्कार व सम्मान-
१९७० में राग दरवारी के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार, १९७८ में मध्य प्रदेश हिन्दी साहित्य परिषद द्वारा पुरस्कृत, १९८८ में हिन्दी संस्थान का साहित्य भूषण पुरस्कार, १९९१ में कुरूक्षेत्र विश्व विद्यालय का गोयल साहित्यिक पुरस्कार, १९९४ में हिन्दी संस्थान का लोहिया सम्मान, १९९६ में मध्य प्रदेश सरकार का शरद जोशी सम्मान, १९९७ में मध्य प्रदेश सरकार का मैथिली शरण गुप्त सम्मान, १९९९ में बिड़ला फाउन्डेशन का व्यास सम्मान, २००५ में उत्तर प्रदेश सरकार का यश भारती सम्मान, २००८ भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्म भूषण।

८० वर्ष पूरे होने पर दिसम्बर २००५ में नयी दिल्ली में एक सम्मान समारोह का आयोजन जिसमें ‘‘श्रीलाल शुक्लः जीवन ही जीवन का विमोचन। इस पुस्तक में श्रीलाल शुक्ल के विषय में उनके पारिवारिक सदस्यों, साहित्यिक मित्रों आदि द्वारा संस्मरणात्म लेख लिखे गए हैं। इन लेखकों में आलेाचक डा. नामवर सिंह, लेखक राजेन्द्र यादव, अशोक बाजपेई, दूधनाथ सिंह, तथा कवि निर्मला जैन, लीलाधर जगुडी, रधुवीर सहाय आदि शामिल हैं।

विगत २८ अक्तूबर २०११ को लखनऊ में उनका निधन हो गया।

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