अभिव्यक्ति
में डॉ. शिव शर्मा
की रचनाएँ
व्यंग्य
स्व. भोलागुरु
रसासिक्त साहित्य मंडल
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डॉ. शिव
शर्मा
जन्म- २५
दिसंबर, १९३८ को मध्य प्रदेश के राजगढ़ (ब्यावरा) में।
कार्यक्षेत्र- पत्रकारिता, अध्यापन एवं लेखन। डॉ. शर्मा
अखिल भारतीय टेपा सम्मेलन के जनक रहे हैं। उन्होंने ही
मालवा की टेपा पहचान को राष्ट्रीय ख्याति दिलाने इस आयोजन
की शुरुआत ४८ साल पूर्व १९७१ में कराई थी। शासकीय माधव कला
एवं वाणिज्य महाविद्यालय के प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त
होने के बाद वे संदीपनि कला, वाणिज्य एवं विधि महाविद्यालय
के अध्यक्ष बने।
पुरस्कार एवं सम्मान-
उन्हें माणिक वर्मा व्यंग्य सम्मान, खड़क व्यंग्य सम्मान
सहित कई सम्मान प्राप्त हुए। वे कई देशों की यात्राएं कर
चुके थे।
प्रकाशित कृतियाँ-
व्यंग्य संग्रह- ‘जब ईश्वर नंगा हो गया’, ‘चक्रम दरबार’,
‘शिव शर्मा के चुने हुए व्यंग्य’, ‘टेपा हो गए टॉप’, ‘काल
भैरव का खाता’, ‘अपने-अपने भस्मासुर’, ‘अध्यात्म का
मार्केट’ व्यंग्य संकलन; ‘थाना आफतगंज एकांकी’ तथा
‘बजरंगा’।
इसके अतिरिक्त व्यंग्य उपन्यास सहित हास्य-व्यंग्य की
दर्जन भर पुस्तकें तथा प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में
निरंतर रचनाएँ प्रकाशित। स्वतन्त्रता दिवस की ५०वीं
वर्षगांठ पर मप्र शासन द्वारा प्रकाशित पुस्तक जंगे आजादी
में उनके शोध ग्रन्थ प्रकाशित हुए।
संप्रति :
निधन- २२ मई २०१९ |