अभिव्यक्ति में से.रा.यात्री की रचनाएँ
कहानियों में
भीतरी जाले
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से. रा. यात्री
जन्म-१० जुलाई १९३२, मुज्ज़फ्फर
नगर, उत्तर प्रदेश
शिक्षा- एम्.ए.-हिंदी-१९५५,राजनीती शास्त्र-१९५७, (आगरा विश्वविद्यालय)
कार्यक्षेत्र-
अध्यापन एवं लेखन, एन.आर.सी.खुर्जा बुलंदशहर, नरसिंहपुर, मध्यप्रदेश, गाजियाबाद
अनुक्रम।
प्रकाशित कृतियाँ-
कथा-संग्रह- दूसरे चेहरे, अलग-अलग अस्वीकार, काल विदूषक, धरातल, केवल पिता,
सिलशिला, अकर्मक क्रिया, टापू पर अकेले, खंडित-संवाद, नया सम्बन्ध, भूख तथा अन्य
कहानियाँ, अभयदान, पुल टूटते हुए, चर्चित कहानियाँ, ख़ारिज और बे दखल, विरोधी स्वर,
पुरस्कृत कहानियाँ, परजीवी।
उपन्यास- दराजों मे दस्तावेज, लौटते हुए, चाँदनी के आर पार, बीच की दरार, कई
अंधेरों के पर, टूटते दायरे, चादर के बहार, प्यासी नदी, भटका मेघ, आकाशचारी,
आत्मदाह, बावजूद, अंतहीन, प्रथम परिचय, जली रस्सी, युद्ध अविराम, दशहरा, अपरचित
शेष, बेदखल अतीत, आखिरी पड़ाव, सुबह की तलाश, मुक्ति मार्ग, घर न घाट, एक जिंदगी
और, घटना सूत्र, बैरंग खत, अनदेखे पुल, कलंदर, टापू पर अकेले, छलावा, यातना शिविर।
व्यंग संग्रह- किस्सा एक खरगोश का, दुनिया मेरे आगे
संस्मरण- लौटना एक वाकिफ उम्र का
सम्पादित- विस्थापित-, रंग एवं रेखाएँ
संपादन- वर्तमान साहित्य-(१९८७ से २००३ तक)
पुरुस्कार एवं सम्मान-
उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा १९७९, १९८०, १९८३, १९९७, २००१ एवं २००६ में
सम्मानित साहित्य भूषण पुरस्कार से अलंकृत।
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