अभिव्यक्ति में
डा सत्यभूषण वर्मा
की रचनाएं
संस्मरण
हाइकु कविताओं के देश में
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डा सत्यभूषण वर्मा
जन्म
: ४ दिसंबर १९३२ को रावलपिंडी (पाकिस्तान में)
शिक्षा : एम. ए. हिन्दी, जापानी व अंग्रेज़ी में।
कार्यक्षेत्र : १९५४ से अध्यापन कार्य का आरंभ डी ए
वी कॉलेज गुड़गांव हरियाणा से हुआ। विश्व भारती विश्व
विद्यालय, शांति निकेतन और जोधपुर विश्व विद्यालय में
अध्यापन के बाद वे १९७४ से सेवानिवृत्त होने तक जवाहर लाल
नेहरू विश्व विद्यालय के जापानी भाषा विभाग में कार्यरत
रहे। इसके बाद आपने रित्सुमेइकान एशिया पैसिफिक
यूनिवर्सिटी बेप्पू जापान में अतिथि आचार्य के रूप में भी
कार्य किया।
इ हाइम सांस्कृतिक संस्था
द्वारा सन् २00२ के लिए उन्हें यू•एस•ए• के कॉर वॅन डेन
ह्यूवेल के साथ संयुक्त रूप से मासाओका शीकी
अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया। यह पुरस्कार १,000,000 येन (करीब
७,५00 अमरीकी डॉलर्स) का होता है।
हजारों डॉलर्स की कीमत का एक–एक हस्तशिल्प भी इस पुरस्कार
में शामिल है।
आपको
जापानी संस्कृति पर अध्ययन करने और हाइकु को हिन्दी में
लिखने तथा प्रकाशित करने के लिये छात्रवृत्ति प्रदान की गई
थी। हाइकु के विषय में आपने शास्त्रीय व लोकप्रिय दोनों
क्षेत्रों व तीन भाषाओं ( हिन्दी, जापानी और अंग्रेजी) में
बहुत ही विस्तार से लिखा है । हिन्दी में उनकी किताब 'जापानी
कविताएं' (१९७७) में जापानी टंका
और हाइकु हैं। जापानी हाइकु और आधुनिक हिन्दी कविताएं'
(१९८३) में जापानी हाइकु तथा हिन्दी और दूसरी भारतीय
भाषाओं की छोटी कविताओं को तुलनात्मक रीति से प्रस्तुत
किया गया है। वे पंजाबी, संस्कृत, उर्दू, बांगला व चीनी
भाषाओं के भी ज्ञाता थे। उन्होंने हिन्दी जापानी शब्दकोष
के साथ–साथ हिन्दी अंग्रेज़ी व जापानी भाषाओं में अनेक
पुस्तकों की रचना की है।
१९७0 के दशक में उन्होंने
हिन्दी में हाइकु पर पहला और अपनी तरह का अकेला संवाद–पत्र
प्रकाशित किया था। जापानी भाषा को सर्वप्रथम भारतीय
विश्वविद्यालय में स्नातकीय स्तर पर प्रारंभ करना उनका
महत्वपूर्ण कार्य था। उन्होंने अनेक पैन–एशियाई संस्थाओं
के शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं के सभापतित्व का
उत्तरदायित्व निभाने का महत्वपूर्ण कार्य भी किया। जापान
के सम्राट ने १९९६ में 'द ऑर्डर ऑफ राइज़िंग सन, गोल्ड रेज
विथ रोजेट' से भी सम्मानित किया।
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