अभिव्यक्ति
में रामकृष्ण
की रचनाएँ
फ़िल्म इल्म
में
गांधी जी और सिनेमा
संस्कृति में
विदेशों
में भी होती है पितरों की पूजा
भय के भगवान काल भैरव
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रामकृष्ण
प्रद्युम्न
पंडित और रितुरंजन के छद्म नामों से भी काफ़ी कुछ लिख चुके
रामकृष्ण फ़िल्मी लेख
अनहसिर्क अमर नाम से लिखते हैं जो अंग्रेज़ी में लिखे गए रामकृष्ण का
उल्टा है।
न्यूज़ फिचर्स
ऑफ इंडिया के संपादन प्रमुख और उत्तर प्रदेश फ़िल्म
जर्नलिस्टस असोसिएशन के संस्थापक-संरक्षक रामकृष्ण ने
आत्मवृत्त के रूप में अपने फ़िल्मी अनुभवों पर दो पुस्तकें
भी लिखी हैं। भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रकाशित इन पुस्तकों
के शीर्षक हैं- 'फ़िल्मी जगत में अर्धशती का रोमांच' और 'सिनेसंसार
और पत्रकारिता'।
पहली कृति
भारत के इक्यानवें राष्ट्रीय फ़िल्म अवॉर्ड समारोह में वर्ष
की सर्वश्रेष्ठ कृति के रूप में चयनित की गई थी और तत्कालीन
राष्ट्रपति ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने प्रतिष्ठित स्वर्ण कमल
से अलंकृत किया था। वैसे हूँ। आत्मवृत्त का तीसरा खंड
भी शीघ्र ही प्रकाशित होने वाला है।
संपर्क-
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