अभिव्यक्ति
में प्रदीप सौरभ की रचनाएँ
उपन्यास अंश
में
देश भीतर देश का एक अंश
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प्रदीप सौरभ
पेश से
पत्रकार और फाटोग्राफर। मन उखडा तो चित्रांकन भी कर लेते
हैं। मुन्नी मोबाइल और तीसरी ताली के बाद तीसरा उपन्यास है
देश भीतर देश। कई वृत्त चित्रों के लिए शोध कार्य। गुजरात
दंगों की रिपोर्टिंग के लिए पुरस्कृत। कविता, बच्चों की
कहानियों और आलोचना से संबंधित आधा दर्जन से अधिक पुस्तकें
प्रकाशित। फिलहाल कई अखबारों में स्तंभ लिख रहे हैं और
यायावरी कर रहे हैं। अगला उपन्यास मीडिया पर अपने अनुभवों
को लेकर लिखने की योजना है।
संपर्कः vogue_bom6@sancharnet.in
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