अभिव्यक्ति में डॉ. पद्मप्रिया की रचनाएँ
साहित्यिक निबंध में
अनूदित साहित्य एवं पठनीयता
(हिंदी व तेलुगु कहानियों के
संदर्भ में)
|
|
पद्मप्रिया
जन्म : 10 फरवरी 1968
हिंदी से विशेष लगाव। कई वर्षों तक
राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान संस्थान के हिंदी अनुभाग में
काम करने के बाद संप्रति पांडिचेरी विश्वविद्यालय में
प्रवक्ता। सात वर्षों तक राष्ट्रीय भूभौतिकीय अनुसंधान
संस्थान की वार्षिक गृहपत्रिका 'वसुंधरा' के संपादक मंडल
की सदस्य। इस पत्रिका में अनेक रचनाओं और वैज्ञानिक आलेखों
का अनुवाद किया।
'पगली', 'बन गए मनुष्य' जैसी कहानियाँ
तथा 'मंथन' आदि कविताएँ भी लिखी पर मूलत: विचारात्मक लेख
लिखने में रुचि। तेलुगु, हिंदी और अंग्रेज़ी में दो
नृत्यनाटिकाएँ लिखीं।
|