नरेश भारतीय
जन्म : 21 मई 1940 फिरोजपुर, पंजाब
शिक्षा : 1960 में
पंजाब विश्वविद्यालय से स्नातक और 1986 में लंदन की
यूनिवर्सिटी आफ वेस्टमिनिस्टर से मैनेजमेंट में स्नातकोत्तर
डिप्लोमा प्राप्त किया।
कार्यक्षेत्र: आपका
विदेश गमन जनवरी 1964 में हुआ था।
तभी से लंदन महानगर की क्षेत्रीय परिषद में एक वरिष्ठ
प्रशासनिक अधिकारी पद पर रहने के ३१ वर्ष बाद कार्यमुक्त
हुए।
इसी कालखंड में हिंदी पत्रकारिता में भी कदम आगे बढ़ाते हुए
अनेक महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यों में योगदान किया। कई भारतीय
संस्थाओं में पदाधिकारी रहे।
पहली रचना एक कहानी सलाखों के पीछे वीर अर्जुन में छपी जब
1956-60 में डिग्री कालेज के छात्र थे। कालेज पत्रिका के
छात्र संपादक रहे। 1967 में लंदन से सर्वप्रथम हिंदी-इंग्लिश
द्विभाषिक पत्रिका चेतक का प्रकाशन प्रारंभ किया और उसके
संपादक रहे।
1969-75 में भारत की हिंदी संवाद संस्था हिंदुस्तान समाचार
समिति के लंदन संवाददाता।
भारत और ब्रिटेन के सामाजिक तथा राजनीतिक परिवेश पर
महत्वपूर्ण विश्लेषणात्मक टिप्पणियाँ व लेख संस्मरण भारत की
अनेक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित। 1968 से नरेश अरोड़ा के
मूल नाम से आपका स्वर भी ध्वनि तरंगों पर विश्व भर के हिंदी
श्रोता लंदन से एक अंतर्राष्ट्रीय रेडियो प्रसारक के नाते
निरंतर सुनते आए हैं।
प्रकाशित रचनाएँ
सिमट गयी धरती -- उपन्यास सम संस्मरणात्मक आत्मकथ्य
(2000)
टेम्ज के तट से -- लेख संस्मरण संग्रह (2001) भारत और
अन्तर्राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर
उस पार इस पार -- लेख संस्मरण संग्रह (2001) भारत और ब्रिटेन
के सामाजिक परिवेश पर
सम्मान
नई दिल्ली में, ११ अक्तूबर 2002 को महामहिम राष्ट्रपति ए
पी जे अब्दुल कलाम द्वारा केंद्रीय हिंदी संस्थान का
अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सेवी सम्मान एवं डॉ. जॉर्ज ग्रियर्सन
पुरस्कार (2001) प्रदान किया गया।
लंदन में, वर्ष 2002 में ही
लेख संस्मरण संग्रह उस पार इस पार के लिए पद्मानंद साहित्य
सम्मान (२००२)
संपर्क :
nareshbharatiya@hotmail.com
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