व्यंग्य
मूर्ख बने रहने का सुख
यथा राष्ट्र,
तथा पुष्प
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मयंक सक्सेना
जन्म- २८
जुलाई १९८४ को लखनऊ में।
शिक्षा- कम्प्यूटर विज्ञान में
स्नातक एवं माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता
विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में परास्नातक।
कार्यजीवन- पेशेवर जीवन की
शुरुआत देश के प्रतिष्ठित समाचार चैनल ज़ी न्यूज़ से की।
पत्रकारिता के साथ मयंक सम-सामयिक विषयों पर लेख तो लिखते ही
रहते हैं, तमाम पत्रिकाओं और पोर्टल्स से भी जुड़े हुए
रचनाशील हैं। आम आदमी और सामाजिक विषयों के अतिरिक्त वे
अनछुए विषयों पर लिखना पसंद करते हैं। वे
ताज़ा हवा के
नाम से ब्लॉग भी लिखते हैं जहाँ उनकी तमाम नई रचनाएँ पढ़ी जा
सकती हैं। वे अपने को मूलतः कवि मानते हैं लेकिन कहानियाँ और
व्यंग्य भी रचते रहे हैं।
ई मेलः
mailmayanksaxena@gmail.com
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