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व्यक्तित्व


अभिव्यक्ति में मालती जोशी की रचनाएँ



कहानियों में
स्नेहबंध
बहुरि अकेला
 

 

मालती जोशी


जन्मः ४ जून १९३४ को औरंगाबाद में
शिक्षा : एम ए हिंदी

कार्यक्षेत्र-
मराठी भाषी परिवार में जन्मी मालती जोशी ने एम ए हिन्दी से किया और लेखन का प्रारंभ गीतों से। कविसम्मेलनों में इन गीतों से उनकी पहली पहचान बनी। १९६९ में बच्चों के लिये लिखना प्रारंभ किया और खूब लोकप्रियता प्राप्त की। १९७१ में 'धर्मयुग' में पहली कहानी प्रकाशित हुयी और मालती जोशी भारतीय परिवारों की चहेती लेखिका बन गयीं। उनकी कहानियों का संसार भारतीय परिवारों का जीवंत परिवेश है। उनकी कहानियों के संवाद, दैनिक क्रियाकलाप और वातावरण इस कदर सुंदरता से चित्रित हुए हैं कि कहानियाँ अपनी सी लगती हैं।

मराठी, उर्दू, बांग्ला, तमिल, तेलुगू, पंजाबी, मलयालम, कन्नड भाषा के साथ अँग्रेजी, रूसी तथा जापानी भाषाओं में अनुवाद हो चुके हैं। गुलजार ने उसकी कहानियों पर 'किरदार' नाम से तथा जया बच्चन ने 'सात फेरे' नाम से धारावाहिक बनाए हैं। उन्होंने अपनी कहानियाँ आकाशवाणी से भी प्रसारित की हैं।

प्रमुख कृतियाँ –
कहानी संग्रह- पाषाण युग, मध्यांतर, समर्पण का सुख, मन न हुए दस बीस, मालती जोशी की कहानियाँ, एक घर हो सपनों का, विश्वास गाथा, आखीरी शर्त, मोरी रंग दी चुनरिया, अंतिम संक्षेप, एक सार्थक दिन, शापित शैशव, महकते रिश्ते, पिया पीर न जानी, बाबुल का घर, औरत एक रात है, मिलियन डालर नोट
बालकथा संग्रह- दादी की घड़ी, जीने की राह, परीक्षा और पुरस्कार, स्नेह के स्वर, सच्चा सिंगार
उपन्यास- पटाक्षेप, सहचारिणी, शोभा यात्रा, राग विराग
व्यंग्य- हार्ले स्ट्रीट
गीत संग्रह- मेरा छोटा सा अपनापन
अन्य संकलन- मालती जोशी की सर्वश्रेष्ठ कहानियाँ, आनंदी, परख, ये तेरा घर ये मेरा घर, दर्द का रिश्ता, दस प्रतिनिधि कहानियाँ, अपने आँगन के छींटे, रहिमन धागा प्रेम का।

इसके अतिरिक्त मराठी में उनकी ग्यारह से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं।  

 
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