अभिव्यक्ति में
महेश दर्पण की
रचनाएँ
संस्मरण में
एक कथा अर्धशती
को नमन
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महेश दर्पण जन्म- १
जुलाई, १९५६ को तोतारानी, धर्मशाला (हि.प्र.) में।
शिक्षा- हिन्दी में स्नातकोत्तर उपाधि।
कार्यक्षेत्र- लेखन एवं सम्पादन। ’विश्ववाणी’, ’सूर्या’,
’सारिका’, ’दिनमान’ और ’नवभारत टाइम्स’ के सम्पादन विभाग
में संपादक रहे हुए महेश दर्पण ने अनेक महत्वपूर्ण संकलनों
को तैयार किया है।
प्रकाशित कृतियाँ-
कहानी संग्रह- अपने साथ, चेहरे, मिट्टी की औलाद, रफ्तार,
वर्तमान में भविष्य, जाल, इक्कीस कहानियाँ
आलोचना- रचना परिवेश
यात्रा वृत्तांत- पुश्किन के देस में
जीवनी- बहादुरशाह ज़फर
नवाक्षर- नया सवेरा, इंदिरा का हाथी
लोक कथाएँ- विश्व की प्रसिद्ध लोक कथाएँ
नाटक- पंचतंत्र की कथा निराली
संपादित कहानी संकलन-
’बीसवी शताब्दी की हिन्दी कहानियां’, ’स्वातंत्र्योत्तर
हिन्दी कहानी कोश’, ’प्रेम कहानियां’, ’राजधानी की
कथायात्रा’, ’प्रेमचन्द की चर्चित कहानियां’, ’जयशंकर
प्रसाद की चर्चित कहानियां’, ’रमाकांत का संग्रह, ’जिन्दगी
भर का झूठ’ ’अवधनारायण मुद्गल समग्र’
पुरस्कार व सम्मान-
’पुश्किन सम्मान’ (रूस), ’साहित्यकार सम्मान’, ’कृति
सम्मान’ (हिन्दी अकादमी), ’सुभाष चंद्र बोस सम्मान’,
’पीपुल्स विक्ट्री अवार्ड’ और ’नेपाली सम्मान’ से समानित
महेशजी की कहानी ’छल’ पर अमिताभ श्रीवास्तव द्वारा बनाई गई
फिल्म भी प्रशंसित हुई है।
संप्रति- टाइम्स ऑफ इंडिया समूह
के सांध्य टाइम्स में कार्यरत.
संपर्क-
darpan.mahesh@gmail.com |