कहानी
रम्मोबुआ
लघुकथा
प्रतिक्रिया
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मदन मोहन
उपेंद्र
जन्मः
८ सितंबर १९३४, जलेसर एटा में।
शिक्षाः
बी.कॉम, सहित्य रत्न।
लेखनः
कविता गीत, ग़ज़ल, कहानी, लघुकथा, समीक्षा, साक्षात्कार आदि
विविध विधाओं में विगत चार दशक से सतत लेखन, देश भर की
पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन।
प्रकाशित
पुस्तकें-
कविता संग्रह- उलझी अलकें, किरण भर उजाले को, जन्मेजय, बच्चे
चुप हैं, सवेरा होने वाला है।
कहानी संग्रह- ख़रीदा हुआ वह, दुम हिलाता आदमी।
लघु नाटक- पेशावर पर्व
बाल पुस्तकें- लालच बुरी बला(पंचतंत्र की पद्यकथाएँ), कंजूस
राजा(लोककथाएँ), नारद जी बंदर बने (खंडकाव्य)
संपादित पुस्तकें- रक्त तिलक, कहानियाँ भोर की, पुरवा की
पायल।
संपादित पत्रिकाएँ- हिप्रस (मासिक), अतिरेक (मासिक) वर्ष ७२
से ८० तक सम्यक (सामयिक सृजन संवाद की पत्रिका) १९८९ से सतत
प्रकाशित।
संप्रति-
स्वतंत्र लेखन तथा सम्यक का संपादन एवं प्रकाशन।
निदेशक-हिंदी प्रचार सभा, मथुरा। पूर्व लेखाधिकारी (भारतीय
लेखा सेवा प्रयाग), संयोजक- सम्यक संस्थान। |