अभिव्यक्ति में कृष्णा
अग्निहोत्री
की रचनाएँ
कहानियों में
मी अंजनाबाई
देशमुख अहे
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कृष्णा
अग्निहोत्री
जन्म- ८ अक्तूबर १९३४ को
नजीराबाद, राजस्थान में।
शिक्षा- अंग्रेज़ी साहित्य एवं हिन्दी साहित्य में एम.ए.
एवं पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की है।
कार्यक्षेत्र-
कृष्णा अग्निहोत्री प्रमुख रूप से कहानियाँ व उपन्यास
लिखती रही हैं। बाल साहित्य में भी उन्होंने महत्वपूर्ण
योगदान किया है। मध्यम वर्ग की विदूरपताओं के साथ-साथ उनकी
खुशियों को भी उन्होंने अपनी रचनाओं में प्रमुखता से जगह
दी है। कृष्णा जी का पहला उपन्यास 'जोधा मीरा' वर्ष १९७८
में प्रकाशित हुआ था। अब तक उनके १२ से भी अधिक उपन्यास,
१५ कहानी संग्रह, पाँच बालकथा संग्रह, दो आत्मकथा एवं एक
रिपोर्ताज प्रकाशित हो चुके हैं। उनकी साहित्य रचना में
स्त्री पात्र प्रमुखता से आती हैं।
प्रमुख प्रकाशित कृतियाँ-
उपन्यास- बात एक औरत की, बौनी परछाइयां, टपरेवाले,
कुमारिकाएँ, अभिषेक, टेसू की टहनियाँ, निष्कृति, नीलोफर,
बित्ता भर की छोकरी।
कहानी संग्रह- टीन के घेरे, विरासत, गलियारे, याही बनारसी
रंग बा, पारस, नपुंसक, दूसरी औरत, जिंदा आदमी, जै सियाराम,
सर्पदंश आदि।
बाल साहित्य- बुद्धिमान सोनू, नीली आँखों वाली गुड़िया,
संतरंगी बौने
रिपोर्ताज- भीगे मन रीते तन
आत्मकथा- लगता नहीं है दिल मेरा
पुरस्कार व सम्मान-
कृष्णा अग्निहोत्री को 'रत्नभारती पुरस्कार', 'अक्षरा
सम्मान', वाग्मणि सम्मान सहित कई राष्ट्रीय एवं पंजाब,
हरियाणा, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान से राज्य कई
स्तरीय पुरस्कार एवं सम्मान मिल चुके हैं। फिलहाल वे इंदौर
में रहकर साहित्य की सेवा कर रही हैं।
संप्रति- इंदौर में स्वतंत्र
लेखन |