अभिव्यक्ति में
कालिदास
की रचनाएं
साहित्य
संगम विक्रमोर्वशी
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कालिदास
संस्कृत के महाकवि और
प्रसिद्ध नाटककार कालिदास के जन्म के समय और स्थान के विषय में
बहुत मतभेद है। आपका जन्म विक्रम संवत की नवीं शताब्दी से छठे
ईस्वी संवत तक माना जाता है। पर वह कभी हुए हों, कहीं हुए हों,
उनका नाम अमर है और उनका स्थान वाल्मीकि और व्यास की परंपरा में
है।
कलिदास अपनी अलंकार युक्त
सुंदर सरल और मधुर भाषा के लिये विशेष रूप से जाने जाते
हैं। उनके ऋतु वर्णन अद्वितीय हैं और उनकी उपमाएं बेमिसाल।
संगीत उनके साहित्य का प्रमुख अंग है और रस का सृजन करने में
उनकी कोई उपमा नहीं। उन्होंने अपने श्रृगार प्रधान साहित्य
में भी साहित्यिक सौन्दर्य के साथ साथ आदर्शवादी परंपराओं और नैतिक
मूल्यों का समुचित ध्यान रखा है।
प्रमुख रचनाएं
महा काव्य
: रघुवंश और कुमार संभव
खण्ड काव्य : मेघदूत और ऋतुसंहार।
नाटक : अभिज्ञान शाकुंतल, विक्रमोर्वशी और मालविकाग्निमित्र।
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