अभिव्यक्ति
में हरीश नवल की रचनाएँ
हास्य
व्यंग्य में
पुस्तक
(झ)मेला
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हरीश नवल
जन्म- ८ जनवरी
१९४७ को पंजाब के जलंधर जिले में
शिक्षा- एम.ए., एम. लिट. तथा पी.एच.डी. की उपाधि
कार्यक्षेत्र-
अध्यापन एवं लेखन। डॉ. हरीश नवल बतौर स्तम्भकार इंडिया
टुडे, नवभारत टाइम्स, दिल्ली प्रेस की पत्रिकाएँ, कल्पांत,
राज-सरोकार तथा जनवाणी (मॉरीशस) से जुड़े रहें हैं।
इन्होने इंडिया टुडे, माया, हिंद वार्ता, गगनांचल और
सत्ताचक्र के साथ पत्रकारिता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण
काम किये हैं। वे एन.डी.टी.वी के हिन्दी प्रोग्रामिंग
परामर्शदाता, आकाशवाणी दिल्ली के कार्यक्रम सलाहकार,
बालमंच सलाहकार, जागृति मंच के मुख्य परामर्शदाता, विश्व
युवा संगठन के अध्यक्ष, तृतीय विश्व हिन्दी सम्मेलन में
अंतरराष्ट्रीय सह-संयोजक पुरस्कार समिति तथा हिन्दी वार्ता
के सलाहकार संपादक के पद पर काम कर चुके हैं। वे अतिथि
व्याख्याता के रुप में सोफिया वि.वि. बुल्गारिया तथा मुख्य
परीक्षक के रूप में मॉरीशस विश्वविद्यालय (महात्मा गांधी
संस्थान) का दौरा कर चुके हैं।
प्रकाशित
कृतियाँ-
व्यंग्य संग्रह- बागपत के खरबूजे, पीली छत पर काला निशान,
दिल्ली चढ़ी पहाड़, मादक पदार्थ, आधी छुट्टी की छुट्टी,
दीनानाथ का हाथ, वाया पेरिस आया गांधीवाद, वीरगढ़ के वीर,
मेरी इक्यावन व्यंग्य रचनाएँ, निराला की गली में।
समीक्षात्मक लेख- तीन दशक, रंगमंच – संदर्भ, नव साहित्य की
भूमिका और माफिया जिंदाबाद तथा छोटे परदे का लेखन
संपादित पुस्तकें- भारतीय मनीषा के प्रतीक, रंग एकांकी,
गद्य – कौमुदी, धर्मवीर भारती के नाम पत्र, व्यावहारिक
हिन्दी, शिव शम्भू के चिट्ठे और अन्य निबंध तथा
साहित्य-सुबोध।
सह लेखन- भारतीय लघुकथा-कोश, विश्व लघुकथा-कोश आदि देश
विदेश के अनेक संकलनों में रचनाएँ संकलित।
पुरस्कार
व सम्मान-
युवा ज्ञानपीठ पुरस्कार, गोविन्द वल्लभ पंत पुरस्कार (भारत
सरकार), साहित्य कला परिषद् पुरस्कार (दिल्ली राज्य),
साहित्यमणि (बिहार), बालकन जी बारी इंटरनेशनल सम्मान,
साहित्य-गौरव (हरियाणा), मीरा-मौर (दिल्ली हिन्दी साहित्य
सम्मेलन), जैनेन्द्र कुमार सम्मान, फिक्र तौंसवी सम्मान,
माध्यम का अट्टाहास सम्मान, काका हाथरसी सम्मान व हास्य
रत्न, हिन्दी-उर्दू अवार्ड
(उत्तर प्रदेश) आदि।
ई मेल :
harish.naval@facebook.com
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