अभिव्यक्ति
में गोपीचंद श्रीनागर की रचनाएँ
टिकट संग्रह में
डाकटिकटों पर भारत के प्रसिद्ध किले
|
|
गोपीचंद
श्रीनागर
जन्म :
१७ मार्च १९३४ को कानपुर उत्तर प्रदेश में।
शिक्षा-
डीएवी कालेज कानपुर से कला स्नातक।
कार्य जीवन-
सन १९५५ से विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्राचीन भारतीय
मूर्तिकला व स्थापत्य कला से संबंधित शोधपूर्ण प्रकाशन के
साथ ललित निबंध, रिपोर्ताज, संस्मरण, हास्य व्यंग्य, रंगमंच
आलोचना आदि पर लेख प्रकाशित। डेढ़ दर्जन बाल साहित्य की
पुस्तकें एवं फिलेतली के चार शोधग्रंथ प्रकाशित।
पुरस्कार सम्मान-
बाल साहित्य के लिए विभिन्न जनसेवी संस्थाओं एवं चिल्ड्रंस
बुक ट्रस्ट, दिल्ली द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत। हिंदी
सेवा सहस्राब्दी सम्मान तथा राष्ट्र गौरव सम्मान सहित
विभिन्न सम्मानों से सम्मानित।
संप्रति-
बुंदेलखंड फिलेतली सोसाइटी (झाँसी) के गत पैंतीस वर्षों से
सलाहकार। |