अभिव्यक्ति
में ई हरिकुमार की रचनाएँ
साहित्य संगम में
साँवली
मालकिन
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ई हरिकुमार
मलयालम के
सुप्रसिद्ध कथाकार और उपन्यासकार ई हरिकुमार का जन्म १३
जुलाई १९४३ को हुआ। उनके पिता इदसरि गोविंद नायर जानेमाने
कवि और नाटककार थे। १९८८ में उन्हें कहानी संग्रह डायनोसार
कुट्टी के लिए साहित्य अकादमी का पुरस्कार मिला। १९९७ में
उनकी कहानी पच्छापाइने पिडिक्कन (पकड़ना टिड्डे को) को
पद्मराजन पुरस्कार के लिए सर्वश्रेष्ठ कहानी चुना गया। उनकी
पुस्तक सूकशिचु वाचा मयिलपीली (मोरपंखी खजाना) को १९९८ में
नालप्पडन पुरस्कार के लिए चुना गया।
वे केरल सरकार के सांस्कृतिक विभाग के आधीन केरल साहित्य
अकादमी के के १९९८ से २००४ तक सदस्य रहे। उन्होंने १३ कहानी
संग्रह ९ उपन्यास और १ संस्मरण की रचना की है।
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