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अभिव्यक्ति में धीरेन्द्र
अस्थाना
की रचनाएँ
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कहानियों
में
जो मारे जाएँगे
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धीरेन्द्र अस्थाना
जन्म: २५ दिसंबर १९५६, उत्तर प्रदेश केशहर
मेरठ में।
शिक्षा: मेरठ, मुजफ्फरनगर, आगरा और अंतत:
देहरादून से स्नातक।
कार्यक्षेत्र:
हिंदी के सबसे बड़े पुस्तक प्रकाशन संस्थान राजकमल प्रकाशन से रोज़गार का आरंभ। तीन
वर्ष यहाँ काम करने के बाद लगभग नौ महीने राधा प्रकाशन में भी काम। सन १९८१ के अंतिम दिनों में
टाइम्स समूह की साप्ताहिक राजनैतिक पत्रिका 'दिनमान' में बतौर उप संपादक प्रवेश।
पाँच वर्ष बाद हिंदी के पहले साप्ताहिक अख़बार 'चौथी दुनिया' में मुख्य उप संपादक
यानी सन १९८६ में। सन १९९० में दिल्ली में बना-बनाया घर छोड़कर सपरिवार मुंबई गमन।
एक्सप्रेस समूह के हिंदी दैनिक 'जनसत्ता' में फीचर संपादक नियुक्त। मुंबई शहर की
पहली नगर पत्रिका 'सबरंग' का पूरे दस वर्षों तक संपादन। सन २००१ में फिर दिल्ली
लौटे। इस बार 'जागरण' समूह की पत्रिकाओं 'उदय' और 'सखी' का संपादन करने। सन २००३
में फिर मुंबई। सहारा इंडिया परिवार के हिंदी साप्ताहिक 'सहारा समय' के सह संपादक बन कर। फिलहाल 'राष्ट्रीय सहारा' हिंदी दैनिक के मुंबई ब्यूरो प्रमुख।
कृतियाँ:
कहानी संग्रह- लोग हाशिए पर, आदमी खोर, मुहिम, विचित्र देश की प्रेमकथा, जो मारे
जाएँगे, उस रात की गंध, खुल जा सिमसिम, नींद के बाहर।
उपन्यास- समय एक शब्द भर नहीं है, हलाहल, गुज़र क्यों नहीं जाता, देश निकाला।
साक्षात्कार- 'रूबरू', अंतर्यात्रा।
संपर्क -
dhirendraasthana@yahoo.com
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