अभिव्यक्ति में डॉ भगवानदास मोरवाल
की रचनाएँ
उपन्यास अंश
महफिल
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भगवानदास
मोरवाल
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जनवरी 1960 को नगीना, मेवात में जन्मे भगवान दास मोरवाल ने
राजस्थान विश्वविद्यालय से एम.ए. की डिग्री हासिल की। उन्हें
पत्रकारिता में डिप्लोमा भी हासिल है। मोरवाल के अन्य
प्रकाशित उपन्यास हैं काला पहाड़ (1999) एवं बाबल तेरा देस
में (2004)। इसके अलावा उनके चार कहानी संग्रह, एक कविता
संग्रह और कई संपादित पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। दिल्ली
हिन्दी अकादमी के सम्मानों के अतिरिक्त मोरवाल को बहुत से
अन्य सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। उनके लेखन में मेवात
क्षेत्र की ग्रामीण समस्याएं उभर कर सामने आती हैं। उनके
पात्र हिन्दू-मुस्लिम सभ्यता के गंगा जमुनी किरदार होते हैं।
कंजरों की जीवन शैली पर आधारित उपन्यास रेत को लेकर उन्हें
मेवात में कड़े विरोध का सामना करना पड़ा।
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