अभिव्यक्ति
में डॉ बलराम अग्रवाल
की रचनाएँ
कहानी
अनुगामिनी
खुले पंजोंवाली चील
लघुकथा
गुलमोहर
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बलराम अग्रवाल
जन्म : २६ नवम्बर, १९५२ को
उत्तर प्रदेश (भारत) के जिला बुलन्दशहर में जन्म।
शिक्षा : एम ए (हिन्दी), अनुवाद में स्नातकोत्तर डिप्लोमा।
साहित्यिक रुझान व लेखन :
लेखन का प्रारंभ वर्ष १९६९ से हुआ। कुछ समय तक बुलन्दशहर से
शुरू हुए समाचार-पत्र ‘दैनिक बरनदूत’ से जुड़ाव फिर
पोस्ट-ऑफिस में नियुक्ति। १९९२-९३ में ‘वर्तमान जनगाथा’ का
प्रकाशन-संपादन प्रारम्भ किया जो १९९६ तक ही चल पाया। अब तक
कुछेक लघुकथाओं का पंजाबी, राजस्थानी, मलयालम, तेलुगु,
मराठी, अंग्रेजी व निमाड़ी आदि में अनुवाद हो चुका है।
प्रकाशित कृतियाँ
लघुकथा संग्रह- ‘सरसों के फूल’(१९९४), ‘ज़ुबैदा’(२००४)
लघुकथा-संग्रह है।
लघुकथा व कहानियाँ- ‘चन्ना चरनदास’(२००४)
बाल कथाओं का संग्रह- ‘दूसरा भीम’(१९९७) बाल-कहानियों का
संग्रह है।
सम्पादन
मलयालम की चर्चित लघुकथाएँ(१९९७), तेलुगु की मानक
लघुकथाएँ(२०१०) तथा ‘समकालीन लघुकथा और प्रेमचंद’ (आलोचना:
२०११), ‘जय हो!’ (राष्ट्रप्रेम के गीतों का संचयन:२०१२);
कुछ वरिष्ठ कथाकारों की चर्चित कहानियों के १२ संकलन; १९९३
से १९९६ तक साहित्यिक पत्रिका ‘वर्तमान जनगाथा’ का
प्रकाशन/संपादन; सहकार संचय (जुलाई १९९७), द्वीप
लहरी(अगस्त २००२, जनवरी २००३ व अगस्त २००७) तथा आलेख
संवाद(जुलाई २००८) के विशेषांकों का अतिथि संपादन।
अनुवाद
अनेक विदेशी कहानियों व लघुकथाओं का अंग्रेजी से हिंदी
अनुवाद। जो दो पुस्तकों को रूप में प्रकाशित है।
हिन्दी ब्लॉग
जनगाथा,
कथायात्रा एवं
लघुकथा-वार्ता का संपादन/संचालन। लघुकथा विधा के प्रति
लेखन, संपादन, आलोचना व अनुवाद कार्य में संलग्न। प्रेमचंद
की १४ लघु-आकारीय कहानियों को केन्द्र में रखकर
लघुकथा-आलोचना से जुड़ी परिचर्चा पर आधारित देश के लगभग २५
शीर्ष विद्वानों के लेखों का संकलन ‘दरवाज़ा खुलता है’ शीघ्र
प्रकाश्य।
सम्प्रति : अध्ययन और लेखन।
ई-मेल
:
balram.agarwal1152@gmail.com |