अभिव्यक्ति
में अग्निशेखर की रचनाएँ
पर्व परिचय
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अग्निशेखर
जन्म- ३
मई १९५५ को श्रीनगर, कश्मीर में।
कार्यक्षेत्र-
कवि, लेखक और विचारक। इनकी अनेक रचनाओं के तेलुगु, कन्नड,
तमिल, कश्मीरी, डोगरी, पंजाबी, गुजराती, मराठी, बांग्ला,
उर्दू में अनुवाद हुए हैं। अग्निशेखर ने क़श्मीरी से
प्रतिनिधि आधुनिक कश्मीरी कवियों की रचनाओं का हिंदी में
अनुवाद किया है। प्रतिष्ठित हिंदी पत्रिका 'पहल'- ३६, और
'वसुधा' -७४, के चर्चित कश्मीरी अंकों का इन्होंने अतिथि
संपादन किया। एक कहानी पर 'शीन' शीर्षक से फ़िल्म भी बनी।
वर्ष
१९९० से अलगाववाद और जेहादी आतंकवाद के चलते कश्मीर से
निर्वासित अग्निशेखर धार्मिक कट्टरता, 'जीनोसाइड' तथा 'एक्सोडस' के विरुद्ध लगातार सक्रिय, हिटलिस्ट पर होने के
बावजूद विस्थापितों के भू - राजनैतिक प्रश्न और माँगों के
लिए जुलूसों, जलसों, धरनों, जेल भरो अभियानों के अलावा वह
हेग, एम्स्टर्डम, लन्दन, अमेरिका, फ्रांस के
अन्तरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी उपस्थिति दर्ज करते रहे हैं।
प्रकाशित कृतियाँ-
कविता संग्रह- किसी भी समय (१९९२), मुझसे छीन ली गई मेरी
नदी (१९९६), काल वृक्ष की छाया में (२००२), जवाहर टनल
(२०१०) और 'मेरी प्रिय कविताएँ ' जैसी कविता पुस्तकों के
अतिरिक्त 'मिथक नंदिकेश्वर ' एवं आतंक ग्रस्त कश्मीर -
केंद्रित अलग अलग भाषाओँ की कहानियों का संकलन 'दोज़ख'
सम्पादित।
पुरस्कार व सम्मान-
राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा के हाथों १९९४ में केंद्रीय
हिंदी निदेशालय का हिंदी लेखक पुरस्कार, २००३ में वरिष्ठ
साहित्यकार विष्णु प्रभाकर तथा २००६ में वरिष्ठ कवि विनोद
कुमार शुक्ल के हाथों 'सूत्र - सम्मान' से सम्मानित। कविता
संग्रह जवाहर टनल के लिये वर्ष २०१० में कश्मीर की कला,
संस्कृति और भाषा अकादमी का सर्वश्रेष्ठ पुस्तक का
पुरस्कार जिसे उन्होंने विस्थापित जीवन जी रहे कश्मीरी
पंडितों के समर्थन में ठुकरा दिया था।
ईमेल-
agnishekharinexile@gmail.com |