हेनरी चला गया।
नौकरी
छोड़कर। तीन दिन पहले
उसने इस्तीफा देते हुए प्रिंसिपल से कहा था, "हिसाब देना हो
तो दें, न देना हो तो न दें। लेकिन
मैं अब किसी भी हाल में काम नहीं कर सकता . . . . आप मुझे मजबूर भी नहीं कर सकते
. ... . . . और अगर आप मजबूर करेंगे तो मैं 'लेबर'
में चला जाऊंगा . . . . ' लेबर के नाम से तो बड़ेबड़ों की हवा निकल जाती है।
प्रिंसिपल की क्या औकात थी कि इसके बाद वह कुछ बोल पाता। दांत
पीसकर रह गया था।
लेकिन
इस दांत पीसने से पहले उसने अपनी आदत के अनुसार बंदरघुड़की
वाले सभी हथकंडे अपनाने की हर कोशिश की थी। परंतु जब हेनरी ने लेबर में जाने की धमकी दे डाली तो
उसे प्रिंसिपल तो क्या मैनेजमेंट ने भी जल्द से जल्द रिलीव कर
देने में भलाई समझी और उसे तीन दिनों के भीतर रिलीव भी कर
दिया।
यह चौंकाने वाली बात थीं। सामान्यतया
एक महीने की अवधि तो नोटिस पीरियड और सेटलमेंट में लग जाती
है। लेकिन हेनरी इन
औपचारिकताओं से गुजरने के लिए तैयार नहीं था। वह तो फेयरवेल भी नहीं चाहता था।
परंतु स्टॉफ सेक्रेटरी ने जब उससे कहा, "भाई, हमसे
क्या दुश्मनी है . . . फेयरवेल तो स्टॉफ दे रहा है, इसमें प्रिंसिपल से
क्या लेनादेना . . .
"
आगे
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