|
मिस अनुरीति
द्वारा श्री राधा
रमण वर्मा
सी-१५, पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट क्वाटर्स,
मौरिस नगर, दिल्ली-११०००७
पता हमारा था पर यहाँ अनुरीति कोई नहीं थी। राधा रमण वर्मा कोई
नहीं था। डाकिया मुझसे दस रुपये ले गया था, कहा था, गोवा से
आया है, और इस पर पूरी कीमत का टिकट नहीं लगा है। उसे दस रुपये
देने से पहले मैंने एक बार उसे कहा भी था कि यहाँ कोई अनुरीति
नहीं रहती, पर फिर एक लड़की का नाम देखकर और लिफाफे का पीलापन
और धुँधला चुका पता लिखा देख भीतर अजीब सी उत्सुकता हुई थी और
मैंने पत्र ले लिया था।
लिफाफा मैं खोल चुका था। पत्र का
कागज चार तहों में था, जो इतना जीर्ण हो चुका था कि तहों वाले
मोड़ों से फट चुका था और वो चार टुकड़ों में मेरे सामने था।
उसका लिफाफा मेज पर रखा था, जो शायद कभी झक सफेद रहा होगा आज
पीला, भूरा, जर्द था। उस पर पचास पैसे कीमत का लगा टिकट भी
धुँधला पड़ चुका था। अलग-अलग टुकड़ों को एक करके मैं पत्र
पढ़ने लगा-
|