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नील का फोन दो मिनट पहले आया था। बस एक लाइन— "आ गया हूँ। आधे
घंटे में आय विल बी देयर"।
मन में एक बवंडर फिर से उठ गया था। दो दिन पहले जब नील का फोन
आया था ये खबर करने कि वो भारत आ गया है और उससे मिलने आयेगा
तब से ही रीनी का मन बेहद अशांत हैं।
शांत ठहरे जल में जैसे कोई बड़ा सा पत्थर फेंक दें। तरंग एक पर
उठती जा रही है। अपने मन को संभाला। एक नजर पूरे घर पर दौड़ाई।
मेहमान वाले कमरे पर विशेष ध्यान दिया। पीले फूलों वाला पिलो
कवर।
साइड टेबल पर कुछ किताबें... पाउलो कोल्हो की, दीवार पर अमृता
शेरगिल की नकल, उसकी खुद की बनाई हुई, बुरी नहीं थी। सब कुछ
रीनी नील की आँखो से देख रही थीं।
बाहर टैक्सी रुकी थी। उसके बाहर आने तक नील अंदर आ गया था,
खुले दरवाजे से। पहली नजर नील पर पड़ी थी।
अगर ये संभव था तो नील पहले से भी
ज्यादा खूबसूरत हो गया था। भरा बदन, लंबा चौड़ा, रंग, एकदम
लालिमा लिये हुए, घने बाल, गहरी नीली पुलोवर और हल्की नीली
जींस। |