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१५ सुझाव जो जीवन को
स्वस्थ, सुखद, संतुष्ट बना सकते हैं
(संकलित)
२- व्यायाम में चुस्ती है
खुशी का सबसे बड़ा
आधार है स्वास्थ्य। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन और
मस्तिष्क रह सकता है। इसलिये अपने स्वास्थ्य और आयु को
देखते हुए नियमित रूप से कुछ न कुछ व्यायाम अवश्य करें। आप
जो भी व्यायाम कर रहे हैं उसमें सामर्थ्य के अनुसार कुछ न
कुछ कठिनाई का स्तर बढ़ाते जाना अच्छा रहता है। इससे
स्वास्थ्य को उत्तरोत्तर बेहतर होने में सहायता मिलेगी।
किसी स्वास्थ्य विशेषज्ञ से राय ले लेना भी अच्छा है।
आवश्यक नहीं है कि व्यायाम में कुछ भारी भरकम मशीनों का
प्रयोग किया जाय। बीस मिनट तक सप्ताह में पाँच दिन तेज
चलना, आधे घंटे तक सप्ताह में प्रतिदन धीमा चलना, पंद्रह
मिनट तक योग आसनों का अभ्यास या फिर सात मिनट तक कठिन
व्यायाम जो भी आयु, दिनचर्या, स्वास्थ्य और परिस्थिति के
अनुकूल हो उसे अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिये। याद
रखें कि चुस्त न रहना दुख का एक बड़ा कारण है इसलिये अपने
को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिये दिन में कुछ समय जरूर
निकालें।
६
अक्तूबर १९१४ |