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घर-परिवार बचपन की आहट


शिशु का ४८वाँ सप्ताह
इला गौतम


वस्तुओं के नाम

यह आप पर निर्भर करता है कि आप शिशु की वस्तु और उनके नाम के बीच सम्बन्ध बनाने में कैसे मदद करते हैं - जितना अधिक आप यह का शुरू कर देंगे उतनी जल्दी शिशु की शब्दावली बढ़ेगी।

शिशु से बात करते रहें और चीज़ों के नाम लेते रहें। सीढ़ी चढ़ते समय सीढ़ियाँ गिनें, दुकान में फल और सब्ज़ियाँ लेते समय सबके नाम लें और रंग भी बताएँ। शिशु के लिए बड़े चित्रों वाली किताबें पढ़ें और शिशु से परिचित चीज़ों के नाम लेने को कहें या उनकी तरफ़ उँगली से इशारा करने को कहें।

कभी-कभी शिशु से भी उसकी मर्ज़ी पूछें। उससे पूछें कि वह लाल मोज़े पहनेगा या नीले, या वह गेंद से खेलेगा या लकड़ी के गुटकों से। शिशु को एक बार में केवल दो पसंद ही दें - वो दोनो जो उसके लिए सही हों। हो सकता है कि शिशु जवाब न दे, लेकिन हो सकता है कि वह आपको आश्चर्यचकित कर दे।

पहले कदम

यदि आपके शिशु ने अभी तक चलना शुरू नही किया है तो चिन्ता न करें वह बहुत जल्द अपने पहले स्वतंत्र कदम लेने वाला है। (यदि वह ऐसा न भी करे, तो चिन्ता कि कोई बात नहीं है। कुछ पूरी तरह सामान्य बच्चे १६ या १७ महीने की उम्र में चलना शुरू करते हैं।)

आप शिशु के सामने घुटने के बल खड़े होकर और अपने हाथ फैलाकर शिशु को अपनी ओर चलने के लिए प्रोत्साहित के सकते हैं। या फिर शिशु के दोनो हाथ पकड़ लें और उसको अपनी ओर चलाएँ। यदि आपका शिशु सभी दूसरे बच्चों की तरह है तो जब वह अपने पहले कदम लेगा तब उसके दोनो हाथ अपनी-अपनी तरफ़ निकले होंगे (संतुलन के लिए) और कोहनी मुड़ी होंगी, उसके पैर बाहर की ओर मुड़े होंगे, पेट सामने की ओर निकला होगा और उसका पिछला हिस्सा पीछे की ओर निकला होगा (संतुलन के लिए)।

हमेशा की तरह ध्यान रखें कि शिशु के आस पास का वातावरण कोमल और सुरक्षित हो जहाँ वह अपने इस नए कौशल का अभ्यास कर सके। मानक शिशु बचाव दिशानिर्देश का पालन करें और शिशु को कभी भी अकेला न छोड़ें। सबसे ज़रूरी बात, कैमरा तैयार रखें!
 

खेल खेल खेल-

  • रास्तों का निर्माण- यह खेल शिशु के शरीर के ऊपरी भाग की ताकत बढ़ाने के लिए अति उत्तम है। इससे परिवार के बीच के सम्बंध भी मज़बूत बनेंगे। यह खेल आपके शिशु को ही नही बल्कि आपको भी खिलखिलाकर हँसने पर मजबूर कर देगा। इस खेल के लिए हमें दो वयस्क व्यक्तियों की आवश्यक्ता है।

    अपने साथी के साथ ज़मीन पर पीठ से पीठ लगाकर बैठ जाएँ और शिशु से कहें कि वह आप दोनो को अलग करके दिखाए। यदि शिशु चलने लगा है, तो वह यह खेल खड़े होकर भी खेल सकता है। लेकिन यदि शिशु घुटने के बल चलता है तब भी वह घुटने के बल खड़े होकर अपने हाथों से आपको और आपके साथी को अलग कर सकता है। शिशु को यह संकल्पना समझने के लिए शुरू में आप उसके साथ पीठ से पीठ लगाकर बैठिए और अपने साथी को कहिए कि वह आप दोनो को अलग कर के आप दोनो के बीच से निकल जाए।

    जब आपके शिशु की बारी आएगी तब वह बड़े-बड़े लोगों को खीचना और ढकेलना बहुत पसंद करेगा। जब वह आप और आपके साथी के बीच कुछ जगह बनाने में सफ़ल हो जाए (आपको थोड़ी मदद करनी पड़ेगी), तो उसे आप दोनो के बीच में से गुज़रने के लिए प्रोत्साहित करें, और जैसे ही वह आप दोनो के बीच में आए तो पीछे झुककर उसको पिचकाने का नाटक करें। इस खेल से शिशु के ग्रोस मोटोर कौशल का विकास होता है।

याद रखें, हर बच्चा अलग होता है

सभी बच्चे अलग होते हैं और अपनी गति से बढते हैं। विकास के दिशा निर्देश केवल यह बताते हैं कि शिशु में क्या विकास होने की संभावना है - यदि अभी नही तो बहुत जल्द। ध्यान रखें कि समय से पहले पैदा हुए बच्चे सभी र्कियाएँ करने में ज़्यादा समय लेते हैं। यदि माँ के मन में बच्चे के स्वास्थ या विकास से सम्बन्धित कोई भी प्रश्न हो तो उसे अपने स्वास्थ्य केंद्र की सलाह लेनी चाहिए।

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