शिशु का ३७वाँ सप्ताह
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इला
गौतम
वियोग की व्यग्रता पर विजय
इस उम्र में और आनेवाले कुछ महीनो में शिशु की वियोग
व्यग्रता अपनी चरण सीमा पर होगी। इसके कारण यह सामान्य-सी
बात है यदि शिशु माँ से चिपका रहे और दूसरों के पास जाने
में उसे डर महसूस हो। यह अवस्था शिशु को प्यार करनेवाले
दूसरे लोग जैसे दादा, दादी, नाना, नानी आदि के लिए बहुत
मुशकिल होती है। यदि आप औरों से कहें कि वह शिशु की ओर
धीरे-धीरे बढ़ें यानि उससे धीरे-धीरे दोस्ती करें और शिशु
को दोस्ती की पहल करने दें तो इससे आप शिशु के लिए यह समय
आसान बना सकती हैं। यदि इस व्यग्रता का सामना करने के लिए
शिशु अँगूठा या चुसनी चूसता है तो इसमें चिन्ता की कोई बात
नही है। चूसना शिशु का अपने आप को शांत करने का एक मात्र
तरीका है।
यात्रा सुझाव
वियोग व्यग्रता के कारण इस समय शिशु से ज़्यादा देर के लिए
दूर रहना मुश्किल हो सकता है। लेकिन इससे भी अधिक मुश्किल
है इस समय शिशु के साथ यात्रा करना। शिशु अपने आस-पास के
वातावरण और परिचित लोगों को देखने का अभ्यस्त हो गया है और
उसे अच्छा लगता है जब चीज़ें उसकी उम्मीद के अनुसार होती
हैं। इसलिए एक स्थिति जैसे सड़क पर जाना शिशु की
सुरक्षा-भावना और नियमित जीवन की आदत से अलग होने के कारण
परेशान कर सकता है, विशेष रूप से तब जब वह किसी अनजान जगह
जा रहा हो या फिर बहुत से नए-नए अपरिचित लोगों से मिल रहा
हो।
इस उम्र में शिशु
यात्रा की धारणा को समझ तो नही पाता लेकिन उसे आभास हो
जाता है कि वह एक नई अपरिचित जगह पर है। हो सकता है कि
शिशु इस समय बहुत रोए, चिड़चिड़ा रहे और आपकी गोदी में
चढ़ा रहे। यदि आप शिशु का
ध्यान
बटाने वाली ढ़ेर सारी वस्तुएँ रखेंगी तो आपको सफ़र में
आसानी होगी - जैसे बड़े चित्र वाली किताबें, आवाज़ निकालने
वाले खिलौने, कपड़े की हाथ से चलने वाली कठपुतली, और शिशु
की सुरक्षा वस्तु (उसका कंबल या पसंदीदा खिलौना) भी बहुत
मददगार साबित होगा। याद रखें शिशु के साथ थोड़े-थोड़े
अंतराल पर ढ़ेर सारा वक्त अकेले भी बिताएँ ताकि शिशु बिना
चिंता के खुद को हल्का महसूस कर सके।
खेल खेल खेल
याद रखें, हर बच्चा अलग होता है
सभी
बच्चे अलग होते हैं और अपनी गति से बढते हैं। विकास के
दिशा निर्देश केवल यह बताते हैं कि शिशु में क्या सिद्ध
करने की संभावना है - यदि अभी नही तो बहुत जल्द। ध्यान
रखें कि समय से पहले पैदा हुए बच्चे सभी र्कियाएँ करने में
ज़्यादा वक्त लेते हैं। यदि माँ को बच्चे के स्वास्थ
सम्बन्धित कोई भी प्रश्न हो तो उसे अपने स्वास्थ्य केंद्र
की सहायता लेनी चाहिए।
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