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नवजात
शिशु का दसवाँ सप्ताह
—
इला
गौतम
अंगों का सहज संचालन
इस उम्र में शिशु के अपने अंग अधिक सहजता के साथ चलाने
लगता है। शुरुआती दिनो में वह हाथ पैर झटके से हिलाता था,
वह उन्हें अब आराम से और गोलाई में घुमा सकता है, खास तौर
पर तब जब वह लोगों को देख रहा हो।
शिशु को हाथ-पैर फैलाने की पर्याप्त जगह दें। ज़मीन
पर एक कम्बल बिछा लें और शिशु को उसपर अपनी मर्ज़ी से खेलने
दें। ये हरकतें शिशु की विकासशील मासपेशियों को मज़बूत और
कसा हुआ बनाएँगी। शिशु पेट के बल लेटते समय आगे बढ़ने के
लिए अपने पैर से धक्का मारेगा। यह आगे बढ़ने के लिए उसका
पहला कदम होगा।
सोने का निश्चित कार्यक्रम
शिशु के लिए इक
सुखदायक और सोने के निश्चित समय की नियमित आदत होना बहुत
आवश्यक है। चाहें आप नन्हे-मुन्ने
को पालने में अकेले सोने की कल्पना करते हों या फिर
माता-पिता के साथ सोने की, एक निश्चित नियमित समय
और नियमित कार्यक्रम होने से शिशु को सोने में मदद मिलेगी
और उसे आवश्यक आराम मिलेगा।
इस कार्यक्रम में शामिल हो सकती हैं - झूला कुर्सी पर कुछ
समय झूलना, लोरी गाना, गुनगुने पानी का स्नान, कहानी
सुनाना, किसी गुदगुदी चीज़ से लिपटकर सोना जैसे मुलायम
कम्बल या खिलौना। माँ शिशु को गोद में लेकर हर कमरे को
शुभरात्रि कह सकती है। जैसे-जैसे शिशु बड़ा होगा यह खेल और
भी विक्सित होते जाएँगे।
परिचय
परिचारिका से...
इस उम्र
में शिशु जैसे दूसरे बच्चों से दोस्ती करता है उसे वैसे ही
एक वयस्क व्यक्ति से भी दोस्ती करनी चाहिए। आप देखेंगे कि
जब शिशु के कमरे में कोई आता है तो शिशु उसकी तरफ़
मुस्कुरा के देखता है और जब उसे कोई गोद में लेना चाहता है
तो वह अपनी बाहें आगे कर देता है। जो माएँ नौकरी करती हैं
और आगे जाकर शिशु के साथ कोई कोई देखभाल करनेवाली
परिचारिका या सहयोगी महिला रखेंगी उनके लिए यह सही समय है
शिशु और देखभाल करनेवाली महिला की दोस्ती कराने का।
परिचारिका को अपने घर बुलाएँ ताकि वह आपके और शिशु के साथ
समय बिता सके और दोस्ती कर सके। बाद में हो सकता है कि
शिशु अनजान व्यक्ति से भय के कारण परिचारिका से दोस्ती ना
कर पाए। यह नहीं भूलना चाहिये कि हर शिशु का स्वभाव अलग
होता है। कुछ बच्चे दूसरे बच्चों से कम मिलनसाज़ होते हैं।
यदि शिशु एक अन्जान व्यक्ति का स्वागत खुली बाहों से नही
करता तो धैर्य रखें, उसे अपनी गोद में लेकर फिर से परिचय
कराएँ। हो सकता है कि शिशु को परिचित होने में थोड़ा समय
लगे। शिशु के लिए एक परिचित माहौल में परिचय करना ज़्यादा
आसान होगा।
याद रखें, हर बच्चा अलग होता है
सभी
बच्चे अलग होते हैं और अपनी गति से बढते हैं। विकास के
दिशा निर्देश केवल यह बताते हैं कि शिशु में क्या सिद्ध
करने की संभावना है - यदि अभी नही तो बहुत जल्द। ध्यान
रखें कि समय से पहले पैदा हुए बच्चे सभी र्कियाएँ करने में
ज़्यादा वक्त लेते हैं। यदि माँ को बच्चे के स्वास्थ
सम्बन्धित कोई भी प्रश्न हो तो उसे अपने स्वास्थ्य केंद्र
की सहायता लेनी चाहिए।
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