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                  दूसरों की ग़लतियों से सीखें। आप इतने दिन नहीं जी सकते कि खुद 
                  इतनी ग़लतियाँ कर सकें। - अमिताभ बच्चन
                  
                                                                                                            प्रकृति का तमाशा भी ख़ूब है। सृजन में समय लगता है जबकि विनाश कुछ ही पलों में हो जाता है। - ज़क़िया 
                  ज़ुबैरी
                  
                                                                                                            कुछ प्रलोभन परिश्रमी व्यक्ति को हो सकते हैं, किंतु सारे प्रलोभन तो केवल आलसी व्यक्ति पर ही आक्रमण करते हैं। --मुक्ता
                  
                  देश का उद्धार विलासियों द्वारा नहीं हो 
                  सकता। उसके लिए सच्चा त्यागी होना आवश्यक है। -प्रेमचंद
                  
                  दान-पुण्य केवल परलोक में सुख देता है पर योग्य संतान सेवा 
                  द्वारा इहलोक और तर्पण द्वारा परलोक दोनों में सुख देती है। 
                  -कालिदास
                  
                  वसंत अपने आप नहीं आता, उसे लाना पड़ता है। 
                  सहज आने वाला तो पतझड़ होता है, वसंत नहीं। -हरिशंकर परसाई
                  
                  मिथ्या लांछन का सबसे अच्छा उत्तर है शांत रहकर धैर्यपूर्वक अपने 
                  काम में निरंतर लगे रहना। - मुक्ता
                  
                  संसार में ऐसे अपराध कम ही हैं जिन्हें हम चाहें और क्षमा न कर 
                  सकें। - शरतचंद्र
                  
                  तृण से हल्की रूई होती है और रूई से भी हल्का याचक। हवा इस डर से 
                  उसे नहीं उड़ाती कि कहीं उससे भी कुछ न माँग ले।
                  -चाणक्य
                  
                  जलाने की लकड़ी ही होलिका है जब वह जलती है तब प्रह्लाद की 
                  प्राप्ति होती है। प्रह्लाद जो आह्लाद का ही विशेष रुप है। 
                  -मुक्ता
                  
                  शारीरिक वीरता एक पाशविक प्रवृत्ति है। मनुष्य की असली वीरता तो 
                  मानसिक और नैतिक होती है। - अज्ञात
                  
                                                                                                            सच्चे वीर को युद्ध में मृत्यु से जितना कष्ट नहीं होता उससे कहीं अधिक कष्ट कायर को युद्ध के भय से होता है।  - भतृहरि
                  
                  मासिक वेतन पूरनमासी का चाँद है जो एक दिन दिखाई देता है और घटते 
                  घटते लुप्त हो जाता है।  - प्रेमचंद
                  
                  प्रतिभा का अर्थ है बुद्धि में नई कोपलें फूटते रहना। नई कल्पना, 
                  नया उत्साह, नई खोज और नई स्फूर्ति प्रतिभा के लक्षण हैं। 
                  -विनोबा
                  संसार भर के उपद्रवों का मूल 
                  व्यंग्य है। हृदय में जितना यह घुसता है उतनी कटार नहीं।--जयशंकर प्रसाद
                  
                  आत्मविश्वास सरीखा दूसरा कोई मित्र नहीं। यही हमारी उन्नति में 
                  सबसे बड़ा सहयक होता है। -- स्वामी विवेकानंद
                  
                  अगर भगवान से माँग
                  रहे हो तो हल्का बोझ मत 
                  माँगो, मजबूत कंधे माँगो। -- अमिताभ बच्चन
                  बुद्धिमान मनुष्य अपनी हानि पर कभी 
                  नहीं रोते बल्कि साहस के साथ उसकी क्षतिपूर्ति में लग जाते हैं।-- विष्णु शर्मा
धन के लोभी के पास सच्चाई नहीं रहती और व्यभिचारी के पास पवित्रता नहीं रहती। --चाणक्य
बूढा होना कोई आसान काम नहीं। इसे बड़ी मेहनत से सीखना पड़ता है। --निर्मल वर्मा
महान विचार ही कार्य रूप में परिणत होकर महान कार्य बनते हैं। --विनोबा
बुद्धि से विचारकर किए गए कर्म ही सफल होते हैं। - महाभारत
चितवन से जो रुखाई प्रकट की जाती है, वह भी क्रोध से भरे हुए कटु वचनों से कम नहीं होती। - रामचंद्र शुक्ल
अपने भाई बंधु जिसका आदर करते हैं, दूसरे भी उसका आदर करते हैं। - महाभारत
सही स्थान पर बोया गया सुकर्म का बीज ही समय आने पर महान फल देता है।- कथा सरित्सागर
                  
                                                                                                            चिंता से चित्त को संताप और आत्मा को दुर्बलता प्राप्त होती है, इसलिए चिंता को तो छोड़ ही देना चाहिए। -ऋग्वेददी
                  
                  कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं होता केवल उसको उपयुक्त काम में 
                  लगाने वाला ही कठिनाई से मिलता है।  -शुक्रनीतिदी
स्वयं प्रकाशित दीप को भी प्रकाश के लिए तेल और बत्ती का जतन करना पड़ता है बुद्धिमान भी अपने विकास के लिए निरंतर यत्न करते हैं।
                  
                                                                                                            कोई भी व्यक्ति अयोग्य नहीं होता केवल उसको उपयुक्त काम में लगाने वाला ही कठिनाई से मिलता है।  -शुक्रनीति
ददीपक सोने का हो या मिट्टी का मूल्य दीपक का नहीं उसकी लौ का होता है जिसे कोई अँधेरा नहीं बुझा सकता।- विष्णु प्रभाकरभातृभाव 
      का अस्तित्व केवल आत्मा में और आत्मा के द्वारा ही होता है, यह और किसी के 
      सहारे टिक ही नहीं सकता। --श्री अरविंद
                  विश्व में अग्रणी भूमिका निभाने की 
      आकांक्षा रखनेवाला कोई भी देश शुद्ध या दीर्घकालीन अनुसंधान की उपेक्षा नहीं 
      कर सकता।- होमी भाभा
                  हर चीज़ की कीमत व्यक्ति की जेब और 
                  ज़रूरत के अनुसार होती है और शायद उसी के अनुसार वह अच्छी या 
                  बुरी होती है। -संतोष गोयल
                  महापुरुषों का सर्वश्रेष्ठ 
                  सम्मान हम उनका अनुकरण कर के ही कर सकते हैं। 
                  - महात्मा गांधी
                  लोभी को धन से, अभिमानी को विनम्रता से, मूर्ख को मनोरथ पूरा कर के, और पंडित को सच बोलकर वश में किया जाता है। -हितोपदेश
                  अविश्वास आदमी की प्रवृत्ति को जितना बिगाड़ता है, विश्वास उतना 
                  ही बनाता है। - धर्मवीर भारती
                  इस विश्व में स्वर्ण, गाय और 
                  पृथ्वी का दान देनेवाले सुलभ है लेकिन प्राणियों को अभयदान 
                  देनेवाले इन्सान दुर्लभ हैं। - भर्तृहरि
                  बलवान व्यक्ति की भी बुद्धिमानी 
                  इसी में है कि वह जानबूझ कर किसी को शत्रु न बनाए। - शुक्रनीति
                  मैं 
                  हिन्दुस्तान 
                  की 
                  तूती 
                  हूँ। 
                  अगर 
                  तुम वास्तव 
                  में 
                  मुझसे 
                  जानना 
                  चाहते 
                  हो 
                  तो 
                  हिन्दवी 
                  में 
                  पूछो। मैं 
                  तुम्हें 
                  अनुपम 
                  बातें 
                  बता 
                  सकूँगा। -अमीर ख़ुसरो
                  अधिकतर लोग नए साल की प्रतीक्षा 
                  केवल इसलिए करते हैं कि पुरानी आदतें नए सिरे से फिर शुरू की जा 
                  सकें। - अज्ञात |