फुलवारी

<

पत्र

>

माँ कहती हैं कि चिट्ठी को पत्र भी कहते हैं। देखो चिट्ठी वाले डिब्बे पर पत्र लिखा है न?

अलग अलग देशों में चिट्ठियों के डिब्बे अलग अलग तरह के होते हैं। अधिकतर देशों में डाकखानों के चिट्ठी वाले डिब्बे लाल होते हैं। कुछ में अलग रंगों के भी होते हैं।

घर में भी चिट्ठियों के डिब्बे होते हैं। इनके रंग और आकार अलग होते हैं। घर के चिट्ठी वाले डिब्बे में हमारी चिट्ठी आती है। चिट्ठी वाले डिब्बे को पत्र-पेटी कहते हैं। जिनको हिन्दी नाम नहीं पता होता वे लेटर-बाक्स कहते हैं।

डाकिया जब चिट्ठी लाता है तब अगर हम घर में न हों तो वह उसे पत्र-पेटी में रख देता है। जब हम घर आते हैं तब उसमें से अपनी चिट्ठी निकाल लेते हैं।

गीतू के घर में पत्र-पेटी नारंगी रंग की है। आज उसमें नानी का पत्र आया है। उसे पाकर गीतू खुश है।

- पूर्णिमा वर्मन

२५ फरवरी २०१३  

1

1
मुखपृष्ठ पुरालेख तिथि अनुसार । पुरालेख विषयानुसार । अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़े
1
1

© सर्वाधिका सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक
सोमवार को परिवर्धित होती है।