हवाई
जहाज छोटा सा था, लेकिन वह आसमान में उड़ सकता था। बस और
क्या चाहिये ? गीतू और मीतू
हवाई जहाज में बैठकर दुनिया की सैर को निकल पड़ीं।
हवाई
जहाज आसमान में था और आसमान में बादल थे। रुई जैसे नरम और
बर्फ जैसे सफेद। मीतू ने बादलों को छुआ, आ हा वे पकड़ में
नहीं आते जैसे हवा। हा हा हा गीता हँस दी।
उन्होंने
धरती पर देखा। हरे ऊपर से छाँटे गए पेड़ और पीली छत वाली
पवन चक्कियाँ उन्हें अच्छी लगीं। थोड़ी सैर के बाद वे वापस
घर आईं और खाना खाकर सो गईं।
छँटे हुए
पेड़ हवा से धीरे धीरे हिलते रहे और पीली छत वाली पवन
चक्कियाँ रात भर चलती रहीं और हवाई जहाज घर की छत पर
चुपचाप सोता रहा।
- पूर्णिमा
वर्मन |