चीनू मीनू को चित्रकला पसंद
है। चित्रकला नहीं जानते? अरे
वही जब हम कागज पर रंगीन पेंसिलों से चित्र बनाते हैं, उसे
ही चित्रकला कहते हैं।
हाँ तो चीनू ने एक लड़का और एक लड़की बनाए। गुलाबी रंग से।
लड़की ने टोपी पहनी थी और टोपी में से किरणे निकल रही थीं।
जैसे सूरज में से निकलती है।
"क्या इसकी टोपी में सूरज है?"
मीनू ने पूछा।
"नहीं,
उसके सिर में दर्द है।"
चीनू ने
कहा।
उसने कुछ पान के आकार बनाए और उन में गुलाबी रंग भर दिया।
मीनू ने नीले रंग की पेन्सिल ली और एक अंतरिक्ष यात्री
बनाया।
"क्या यह उड़नतश्तरी से आया है?"
चीनू ने पूछा।
"नहीं,
यह मेरी नीली पेंसिल में से आया है।"
मीनू ने कहा। फिर मीनू ने भी कुछ पान बनाए।
"क्या तुमने गोल, चौकोर, सितारे
और आयत भी सीखे हैं?" चीनू ने
पूछा।
"हाँ चलो दीवार पर बनाते हैं।
मीनू ने कहा।
फिर दोनो ने दीवार पर रेलगाड़ी, सितारे, पान, बिल्ली, फूल
और पेड़ बना दिये।
माँ ने बताया- "अच्छे बच्चे
दीवार पर नहीं लिखते। कागज पर लिखते हैं।"
- पूर्णिमा
वर्मन |
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