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फुलवारी आविष्कारों की कहानी

पाल वाली नाव

पाल वाली नाव का प्रयोग सबसे पहले लगभग ६,००० वर्ष पूर्व प्राचीन मिस्र में शुरू हुआ था। पाल का प्रयोग तभी किया जा सकता था जब तेज़ हवा बह रही हो इसलिए पतवार का प्रयोग भी जारी रहा।

तेज़ रफ़्तार नावें

तेज़ गति वाली पाल से चलने वाली नावें सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र अमेरिका में बनाई गयीं। इनमें बहुत से पाल लगाए जाते थे और ये लंबी यात्राओं पर ३५ किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से तैर सकती थीं।


 १ मार्च २००५

आविष्कारों की कहानियाँ .........१०.११.१२

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