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घर-परिवार जीवन शैली - भारत के श्रेष्ठ गाँव


भारत के सर्वश्रेष्ठ गाँव
जो हम सबके लिये प्रेरणादायक हैं


१०--शिंगणापुर जहाँ घरों में दरवाजे नहीं है।

महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में लगभग तीन हजार जनसंख्या वाले शिंगणापुर गाँव में किसी भी घर में दरवाजा नहीं है। कहीं भी कुंडी तथा कड़ी लगाकर ताला नहीं लगाया जाता। इतना ही नहीं, घर में लोग आलीमारी, सूटकेस आदि नहीं रखते। लोग घर की मूल्यवान वस्तुएँ, गहने, कपड़े, रुपए-पैसे आदि रखने के लिए थैली तथा डिब्बे या ताक का प्रयोग करते हैं। केवल पशुओं से रक्षा हो, इसलिए बाँस का ढँकना दरवाजे पर लगाया जाता है।

गाँव छोटा है, पर लोग समृद्ध हैं। इसलिए अनेक लोगों के घर आधुनिक तकनीक से ईंट-पत्थर तथा सीमेंट का इस्तेमाल करके बनाए गए हैं। फिर भी दरवाजों में किवाड़ नहीं हैं। यहाँ दुमंजिले मकान भी नहीं है। कितना भी बड़ा मेला क्यों न हो यहाँ कभी कोई चोरी नहीं हुई और न ही यहाँ आने वाले भक्त अपने वाहनों में कभी ताला लगाते हैं। यहाँ तक कि गाँव में कोई पुलिस थाना भी नहीं है। लोगों का विश्वास है कि शिंगणापुर के शनि देव (जिनकी बहुत मान्यता है) की कृपा के कारण यहाँ पर पहुँचते ही लोगों में चोरी की भावना समाप्त हो जाती है। शनि देव ने भी अपने रहने के लिये खुला स्थान चुना है वहाँ कोई मंदिर नहीं है।

 १ जुलाई २०१७

(अगले अंक में एक और गाँव)  पृष्ठ- . . . . . . . . . १०.

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