ज्योतिष से वृक्ष और पौधों
का संबन्ध
(संकलित)
८-
शोक से मुक्ति के लिये अशोक
अशोक का शब्दिक अर्थ है- शोक
का न होना। अशोक अपने नाम के अनुसार ही शोक को दूर करने
वाला और प्रसन्नता देने वाला वृक्ष है। इससे घर में रहने
वालों के बीच आपसी प्रेम और सौहार्द बढ़ता है। सभी मांगलिक
एवं धार्मिक कार्यों में अशोक के पत्तों का प्रयोग होता
है। मान्यता है कि अशोक वृक्ष घर में लगाने से या इसकी जड़
को शुभ मुहूर्त में धारण करने से मनुष्य को सभी शोकों से
मुक्ति मिल जाती है। घर में अशोक के वृक्ष होने से घर में
सुख शांति एवं धन समृद्धि का वास होता है एवं उस घर में
किसी की भी अकाल मृत्यु नहीं होती। अशोक का वृक्ष दो तरह
का होता है- एक असली अशोक वृक्ष और दूसरा सजावटी अशोक
वृक्ष।
असली अशोक का वृक्ष आम के पेड़ जैसा छायादार वृक्ष होता
है। इसके पत्ते ८-९ इंच लंबे और दो-ढाई इंच चौड़े होते
हैं। इसके पत्ते शुरू में ताँबे के रंग के जैसे होते हैं
और वसंत ऋतु में इसमें नारंगी रंग के फूल आते हैं, जो बाद
में लाल रंग के होजाते हैं। इन सुनहरे लाल रंग के फूलों के
कारण इसे ‘हेमपुष्पा’ भी कहा जाता है। जबकि सजावटी अशोक
वृक्ष देवदार के पेड़ की तरह लंबा वृक्ष होता है। इसके
पत्ते भी आम के पत्तों जैसे ही होते लेकिन लहरदार होते
हैं। इस अशोक में बहुत छोटे सफेद और पीले फूल आते हैं।
पर्व एवं उत्सवों में दोनो ही प्रकार के अशोक शुभ माने गए
हैं लेकिन आयुर्वेद और औषधि के रूप में केवल असली अशोक का
ही प्रयोग किया जाता है।
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अगस्त २०१८ |