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घर-परिवार बचपन की आहट


शिशु का ४३वाँ सप्ताह
इला गौतम


शारीरिक स्वतंत्रता की ओर कुछ और पग

शिशु के पहले जन्मदिन के लिए अब कुछ ही सप्ताह रह गए हैं और वह बिलकुल भी एक असहाय शिशु नही रह गया है जो आपकी मदद के बिना कुछ न कर सके। उसे अभी भी ढेर सारा प्यार, देखभाल और सहारा चाहिए लेकिन उसकी बढ़ती स्वतंत्रता - जो उसके अपने आप खड़े होने, झुक कर बैठने, और उँकड़ू बैठ पाने से प्रकट होती हैं - अब स्पष्ट हो रही है।

हो सकता है कि शिशु आपका हाथ पकड़कर चलने लगे, और जब आप उसे कपड़े पहना रहे हों तो वह आपको मदद करने के लिए अपना पैर या हाथ आगे बढ़ा दे। खाना खाने के समय हो सकता है कि शिशु अपने आप गिलास या प्याला पकड़कर पानी पी ले (हालाँकि कुछ बच्चे यह क्रिया अगले कुछ महीनो में ही कर पाएँगे) और अपने हाथ से खाना खा ले।
जब शिशु अपने आप पानी पीने लगेगा तब आपको थोड़ा सम्भल कर रहना होगा क्यूँकि पेय खत्म होने पर शिशु आराम से कप नीचे रखने के बजाए कई बार ज़ोर से नीचे पटकेगा।

शिशु जान बूझकर चीज़ें नीचे गिराएगा ताकि उसे कोई, सम्भवतः आप, उठा सके। यदि आप इस चीज़ें उठाने वाले खेल से थक जाएँ, तो शिशु से वह चीज़ कुछ मिनटों के लिए ले लें और उसका मन किसी और काम में लगा दें जैसे "छुप्पा-छुप्पी" का खेल।


खेल खेल खेल-

  • निकालना, भरना और उड़ेलना- किसी चीज़ को भरना और खाली करना अच्छा तरीका है "भरा" और "खाली" की धारणा को समझने का और शिशु की पूर्णता की भावना को विकसित करने का। इस खेल के लिए हमें चाहिए एक बड़ा प्लास्टिक का तस्ला, कुछ प्लास्टिक के कप, कटोरे और दूसरे डब्बे।

    क्यूँकि इस खेल से काफ़ी फैलावा हो सकता है इसलिए बेहतर होगा यदि इसे कहीं बाहर बगीचे में या गुसलखाने में नीचे एक तौलिया बिछाकर खेला जाए। प्लास्टिक के तसले को आधा पानी से भर दें और बाकी गिलास, कटोरे आदि उसके बगल में बाहर रख दें। जब शिशु चलने लगेगा तब आप यह खेल एक नीची मेज़ पर भी खेल सकते हैं, लेकिन तब तक शिशु को बाल्टी के बगल में ही बिठा दें।

    शिशु को दिखाएँ कि तसले में से कैसे पानी निकालते हैं और फिर कैसे वापस डालते हैं। जब शिशु इस तकनीक को समझ जाए तब उसे दिखाएँ कि कैसे एक छोटे कटोरे से बड़े कटोरे में पानी भरा जाता है। कीपें और नपने जिनमें टोंटी हो वे भी इस खेल के लिए अच्छे रहेंगे।

    इस खेल से शिशु के हाथ और आँख का समनवय विकसित होता है और शिशु स्थानिक संबंधों के विषय में सीखता है।
    ध्यान रखें: शिशु जब पानी से खेल रहा हो तब उसे एक पल के लिए भी अकेला न छोड़ें।
     

याद रखें, हर बच्चा अलग होता है

सभी बच्चे अलग होते हैं और अपनी गति से बढते हैं। विकास के दिशा निर्देश केवल यह बताते हैं कि शिशु में क्या विकास होने की संभावना है - यदि अभी नही तो बहुत जल्द। ध्यान रखें कि समय से पहले पैदा हुए बच्चे सभी र्कियाएँ करने में ज़्यादा समय लेते हैं। यदि माँ के मन में बच्चे के स्वास्थ या विकास से सम्बन्धित कोई भी प्रश्न हो तो उसे अपने स्वास्थ्य केंद्र की सलाह लेनी चाहिए।

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