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घर-परिवार बचपन की आहट


शिशु का ४२वाँ सप्ताह
इला गौतम


उँगलियों की करामात

शिशु की उँगलियाँ अब अधिक फुर्तीली हो रही हैं। अपनी पिन्सर पकड़ का इस्तेमाल करके - जिससे वह छोटी चीज़ें अपने अँगूठे और तर्जनी के बीच उठा सकता है - हो सकता है कि वह सीरियल का एक टुकड़ा उठा ले या कोई और छोटी वस्तु उठा ले बिना अपनी कलाई एक ठोस सतह पर टिकाए। (अब जब शिशु ठोस आहार की ओर बढ़ गया है तो आप बहुत सारा सीरियल ज़मीन पर पड़ा देखने को तैयार हो जाइये!)

शिशु छोटी चीज़ों की ओर आकर्षित होता है और वह अब भी उन्हे चखकर जाँचेगा। यह ठीक है जबतक शिशु के हाथ में कोई खाने वालि वस्तु है और वह इतनी छोटी नही है कि उसके गले में अटक जाए। एक अनुभवसिद्ध नियम यह है कि शिशु को कोई भी ऐसी वस्तु ना दें जो पानी में नही घुलती, जैसे कच्ची गाजर या अँगूर। उबली हुई सब्ज़ियों के टुकड़े, चीज़, छिलकर काटे गए फल, यह सभी खाने शिशु की छोटी सी उँगली में आने के लिए सही हैं।

स्वतंत्रता की ओर नए कदम

स हफ़्ते तक सम्भवतः शिशु अपनी पीठ ज़मीन के समानांतर रखते हुए अच्छी तरह अपने हाथ और घुटनों के बल चल रहा होगा। (बहुत सारे बच्चे पहले ही घुटनों के बल चलने लगते हैं लेकिन इस कौशल में अभी ही महारथ प्राप्त करते हैं)। हो सकता है कि शिशु अब घुटनों और हाथ की मदद से सीढ़ियों पर भी चढ़ जाए।

इस उम्र में, शिशु विशवास के साथ बैठ सकता है और संभव है कि वह फर्नीचर पकड़कर चल भी ले और धीरे से फ़र्नीचर छोड़कर बिना सहारे के थोड़ी देर खड़ा भी हो जाए। शिशु को जब आप चलने की मुद्रा में खड़ा करेंगे तब हो सकता है कि वह आपको पकड़कर एक दो कदम चल भी ले और अपने पैर से मारकर खिलौना खोज ले। स्वतंत्रता की ओर बढ़ते वह जादुई पहले कदम - और आपके लिए बहुत सारी भाग दौड़! – बस शुरू होने ही वाली है अगर अभी तक नही हुई। अधिकतर बच्चे ९ या १२ महीने के बीच अपना पहला कदम लेते हैं और १४ या १५ महीने की उम्र में अच्छी तरह चलने लगते हैं।

खेल खेल खेल-

  • जादू वाले बुलबुले- कोई चीज़ "अभी दिख रही है" और "अभी नही दिख रही", इसका जो रोमांच होता है वह सबसे ज़्यादा साबुन के बुलबुलों के साथ आता है। शिशु को खोज की उत्तेजना प्रिया हो जाएगी और आप भी प्रसन्न हो जाएँगे जब शिशु पर्याप्त समय पानी में बैठा रहेगा ताकि आप उसे अच्छे से नहला सकें। इस खेल के लिए हमें चाहिए साबुन के बुलबुले।

    शिशु को सुरक्षित रूप से नहाने के तस्ले में बिठा दें। उसे अच्छी तरह समझा दें कि इस खेल के दौरान उसे खड़े होने कि अनुमति नही है। थोड़ा झुककर छुप जाएँ ताकि शिशु आपको देख ना सके और फिर ढ़ेर सारे बुलबुले बनाएँ और उन्हे शिशु पर झरने दें। कुछ देर रुक कर फिर से और बुलबुले बनाएँ। हर बार जब आप बुलबुलों की बारिश शिशु पर करेंगी तब वह खिलखिलाकर हँस पड़ेगा। जैसे तैसे शिशु समझ जाता है कि माँ दिख नही रही है लेकिन वह ही छुप कर बुलबुल बना रही है और यह बात शिशु को हर बार उत्तेजित कर देती है।

    ध्यान रखें- चाहे आपको इस खेल में जितना भी मज़ा आ रहा हो, जब शिशु नहाने वाले तस्ले में बैठा हो तो कभी भी एक या दो सैकेंड से ज़्यादा शिशु से अपनी आँखें न हटाएँ। इस खेल से शिशु वस्तु स्थायित्व को समझता है और उसका आँख और हाथ का समनवय विकसित होता है।

याद रखें, हर बच्चा अलग होता है

सभी बच्चे अलग होते हैं और अपनी गति से बढते हैं। विकास के दिशा निर्देश केवल यह बताते हैं कि शिशु में क्या विकास होने की संभावना है - यदि अभी नही तो बहुत जल्द। ध्यान रखें कि समय से पहले पैदा हुए बच्चे सभी र्कियाएँ करने में ज़्यादा समय लेते हैं। यदि माँ के मन में बच्चे के स्वास्थ या विकास से सम्बन्धित कोई भी प्रश्न हो तो उसे अपने स्वास्थ्य केंद्र की सलाह लेनी चाहिए।

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