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घर-परिवार बचपन की आहट


नवजात शिशु का बारहवाँ सप्ताह
इला गौतम


गहराती पहचान

शिशु जबसे कुछ ही दिनों का था तबसे वह अपने माता-पिता को पहचानता था लेकिन अब वह यह जता भी सकता है। ३ महीने की उम्र के ५०% बच्चे यह स्पष्ट रूप से दिखा सकते हैं कि वह अपने माता-पिता को पहचानते हैं। सम्भव है कि वह अभी भी अनजान व्यक्ति की ओर देख कर मुस्कुराएगा, ख़ासकर जब कोई उसकी आँखों मे आँखें डालकर देखेगा और उससे बातें करेगा। लेकिन वह अब अपनी ज़िन्दगी की यह गुत्थी सुलझाने लगा है कि उसकी ज़िन्दगी में कौन क्या है और उसके पसंदीदा लोगों की सूची में सबसे ऊपर हैं उसके माता-पिता और परिवार के कुछ सदस्य। शिशु अपने हाव-भाव से अपनी पसंद दर्शाता है। वह शांत हो कर अपनी माँ की आँखों में आँखें डालकर देखेगा या कमरे में माँ को ढ़ूँढ़ेगा। उसके मिल जाने पर शिशु मुस्कुराएगा और खुश होकर हाथ पैर हिलाएगा। शिशु को माँ की खुशबू शांतिदायक और सुखदायक लगेगी।

बाहरी दुनिया से बढ़ता अपनापन

शिशु का मस्तिष्क तेज़ी से विकसित हो रहा है और साथ ही साथ उसके व्यवहार में भी बदलाव आ रहा है। शिशु बाहरी दुनिया की लय में आ रहा है और अपने वातावरण में बदलाव के प्रति सम्वेदनशील हो रहा है। शिशु के मस्तिष्क का वह हिस्सा तेज़ी से बढ़ रहा हैं जो हाथ और आँख का समन्वय नियंत्रित करता है और शिशु को वस्तुएँ पहचानने की अनुमति देता है। शिशु की भाषा, उसका सुनना और सूँघना अधिक ग्रहणशील और सक्रिय हो गए हैं। आजकल शिशु माँ की आवाज़ सुनने पर सीधा उसकी तरफ़ देख सकता है और गरारे कर के माँ से बात भी कर सकता है मानो माँ की बात का उत्तर दे रहा हो। अगर उसको देखकर उसका कोई परिचित हँसेगा तो वह भी हँसकर उत्तर देगा। अभी तक वह जोर जोर से हँसना भी सीख चुका होगा।

खेल खेल खेल

अब तक शिशु ३ महीने का होने वाला है और इस उम्र के शिशु के साथ नीचे दिये गए खेल खेले जा सकते हैं-

  • शिशु को पेट के बल ज़मीन पर लिटा दें। उसके २ फ़ीट सामने से एक गेंद लुढ़काएँ। थोड़े अभ्यास के बाद शिशु अपनी आँख और हाथों का समन्वय करके गेंद की तरफ़ पहुँच पाएगा।

  • जब शिशु देख रहा हो तब एक घंटी बजाएँ। फिर शिशु की नज़र से हटाकर वही घंटी बजाएँ। देखिए कैसे शिशु मुड़कर घंटी को खोजता है।

  • शिशु को घुँघरू वाले पायल या कंगन पहनाएँ। शिशु जब हाथ पैर हिलाएगा तो घुँघरू की आवाज़ सुनने में उसे मज़ा आएगा। इससे उसके हाथ और पैर का समन्वय और शरीर के प्रति जागरूकता को विकसित होने में मदद मिलेगी।

याद रखें, हर बच्चा अलग होता है

सभी बच्चे अलग होते हैं और अपनी गति से बढते हैं। विकास के दिशा निर्देश केवल यह बताते हैं कि शिशु में क्या सिद्ध करने की संभावना है - यदि अभी नही तो बहुत जल्द। ध्यान रखें कि समय से पहले पैदा हुए बच्चे सभी र्कियाएँ करने में ज़्यादा वक्त लेते हैं। यदि माँ को बच्चे के स्वास्थ सम्बन्धित कोई भी प्रश्न हो तो उसे अपने स्वास्थ्य केंद्र की सहायता लेनी चाहिए।

ग्यारहवाँ सप्ताह

२१ मार्च २०११

 

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