कमाल के
भाग्यशाली है हम। बिना कुछ किए पिछले मकान मालिक द्वारा
लगाए गए पौधे वसंत ऋतु आते ही फूल उठते हैं हमारे लिए।
अब इस पौधे को ही देख लो। पिछले पाँच सालो से इन्ही दिनो
दूधिया रंग के फूलो से लद जाता है यह पौधा। घर में आते
जाते आँखे इनको देखकर मन को प्रफुलित कर देती हैं। आज कल
ऑस्ट्रेलिया में वसंत ऋतु है।
इतना कुछ भाता है इन पेड़ पौधो के देखना और सराहना, पर खुद
से एक पौधा लगाते नहीं बनता। पता नहीं क्यों इस तरफ अपने
को प्रेरित नहीं कर पाता मैं।
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रतन
मूलचंदानी
१ मार्च २०२४ |