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२०.. २०१२

इस सप्ताह-

अनुभूति में-
1
हरीश भादानी, शहरयार, प्रदीप त्रिवेदी, तुलसीदास और बाल कवि बैरागी की रचनाएँ।

- घर परिवार में

रसोईघर में- दाल हम रोज खाते हैं, पर कुछ नया हो तो क्या बात? लीजिये प्रस्तुत है १२ व्यंजनों की स्वादिष्ट शृंखला में- साबुत मूँग की दाल

बचपन की आहट- संयुक्त अरब इमारात में शिशु-विकास के अध्ययन में संलग्न इला गौतम से जानें एक साल के शिशु में वियोग की व्यग्रता

बागबानी में- हर पौधे को पानी की आवश्यकता होती है लेकिन किसी पौघे को कम पानी चाहिए होता है तो किसी को अधिक। यदि कोई नया पौधा लगाएँ ...

वेब की सबसे लोकप्रिय भारत की जानीमानी ज्योतिषाचार्य संगीता पुरी के संगणक से- १६ फरवरी से २९ फरवरी २०१२ तक का भविष्यफल।

- रचना और मनोरंजन में

अभिव्यक्ति और अनुभूति के ५ मार्च के अंक होली विशेषांक होंगे। इसके लिये कविता, कहानी और लेख १ मार्च तक, ऊपर दिये गए पते पर आमंत्रित हैं।

साहित्य समाचार में- देश-विदेश से साहित्यिक-सांस्कृतिक समाचारों, सूचनाओं, घोषणाओं, गोष्ठियों आदि के विषय में जानने के लिये यहाँ देखें

लोकप्रिय कहानियों के अंतर्गत- प्रस्तुत है- २४ जुलाई २००६ को प्रकाशित, कैनेडा से शैलजा सक्सेना की कहानी— चाह

वर्ग पहेली-०६९
गोपालकृष्ण-भट्ट
-आकुल और रश्मि आशीष के सहयोग से

सप्ताह का कार्टून-             
कीर्तीश की कूची से

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साहित्य एवं संस्कृति में-

1
समकालीन कहानियों में भारत से
एस. आर. हरनोट की कहानी- प्रगटे नंदी

शहर में नंदी भगवान प्रकट हो गए हैं। यह खबर आग की तरह दूर-दूर तक फैल गई है। प्रिंट और इलैक्ट्रॉनिक मीडिया में कवरेज के लिए होड़ लगी हुई है। हर कोई नंदी भगवान को निकट से देखना चाहता है। उसे छूना चाहता है। जो भी दर्शन के लिए आ रहा है वह कुछ न कुछ हाथ में लिए हुए हैं। किसी के हाथ में आटे-चोकर की मीठी पिन्निया हैं। किसी ने डब्बल रोटी उठा रखी है। कोई पैसे चढ़ा रहा है। कोई लाल चुनरी और मौली लेकर नंदी के गले और पूँछ में बाँध रहा है। कोई दूध और पानी की बाल्टी लेकर उस पर चढ़ा रहा है। उसके पैर धो रहा है। चंदन के तिलक लगाए जा रहे हैं। गाँव से भी मर्द और औरतें दर्शन के लिए पहुँच रहे हैं। उनके हाथ में हरे घास और पत्तियों की छोटी-छोटी पूलियाँ हैं। जितने लोग आए हैं सभी के मन में मन्नते हैं। चाहते हैं। इच्छाएँ हैं। कोई धन माँग रहा है। कोई बेटा माँग रहा है। कोई नौकरी लगने की आस लिए आया है तो किसी को बेटी के विवाह की चिन्ता है। विस्तार से पढ़ें...
*

प्रेरक प्रसंग के अंतर्गत
 शिव जी का तंत्र
*

डॉ. दर्गादत्त पांडेय का निबंध
शिवत्व के बिना सुंदरता मूल्यहीन है

*

इतिहास पुराण में
कहानी नंदी की
*

पुनर्पाठ में बीना बुदकी का आलेख
शिवरात्रि के अखरोट

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पिछले सप्ताह-

1
शरद उपाध्याय का व्यंग्य
साहब का जाना
*

भारत की पहली महिला फोटो-पत्रकार
होमई व्यारवाला को श्रद्धांजलि

*

आज सिरहाने
हाइकु संकलन- चंदनमन
*

पुनर्पाठ में बीना बुदकी का आलेख
शिवरात्रि के अखरोट

*

समकालीन कहानियों में यू.एस.ए. से
ललित अहलूवालिया आतिश की कहानी- काश

जब वह पहली बार आया, तब मैं घर पर नही था। मेरी पत्नी ने उसे अनजाना मान कर, या कुछ और सोच कर लौटा दिया और मुझसे इस बारे में ज़िक्र तक नही किया। विवाह के पश्चात बच्चे अपने-अपने घर बस गए हैं, सो परिवार के नाम पर अब यहाँ केवल हम दोनो ही रहते हैं। कुछ दिनों के पश्चात, एक दिन जब दरवाज़े पर घंटी बजी तब हम घर पर ही थे। दरवाज़े के बीच जड़े शीशे के पैनल से खाकी-सी वर्दी पहने एक व्यक्ति की झलक दिखाई पड़ी। उसे देखते ही पत्नी सकपका कर उठ खड़ी हुई, मानो कुछ याद आ गया हो ...
"अरे हाँ.., मैं बताना भूल गयी थी, परसों ये पार्सल वाला आया था, पर डिब्बे पर भेजने वाले का नाम पता कुछ भी नही है।"
सुन्दर से टेप से पक्की तरह जड़ा हुआ छह इंच लंबे, छह इंच चौड़े और लगभग इतने ही ऊँचे आकार का, एक गत्ते का.. विस्तार से पढ़ें...

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यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित होती है।

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
-|-
सहयोग : दीपिका जोशी

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