अभिव्यक्ति-समूह : फेसबुक पर
पुरालेख तिथि-अनुसार। पुरालेख विषयानुसार हमारे लेखक लेखकों से
तुक कोश  //  शब्दकोश // SHUSHA HELP // पता-


. १०. २०११

इस सप्ताह-

अनुभूति में- प्रभु दयाल, गिरिराजशरण अग्रवाल, सुशील कुमार आज़ाद, मीना अग्रवाल और डॉ. रीता हजेला आराधना की रचनाएँ।

- घर परिवार में

रसोईघर में- उत्सव का मौसम आ गया है। इसे स्वाद और सुगंध से भरने के लिये पकवानों की शृंखला में इस सप्ताह प्रस्तुत है-- गुलाब जामुन

बचपन की आहट- संयुक्त अरब इमारात में शिशु-विकास के अध्ययन में संलग्न इला गौतम की डायरी के पन्नों से- शिशु का ४०वाँ सप्ताह।

स्वास्थ्य सुझाव- आयुर्वेदिक औषधियों के प्रयोग में शोधरत अलका मिश्रा के औषधालय से- घुटनों के दर्द के लिये अखरोट

वेब की सबसे लोकप्रिय भारत की जानीमानी ज्योतिषाचार्य संगीता पुरी के संगणक से- १ अक्तूबर से १५ अक्तूबर २०११ तक का भविष्यफल।

- रचना और मनोरंजन में

कंप्यूटर की कक्षा में- AdblockPlus - मोज़िला फ़ायरफ़ॉक्स के लिये अत्यंत लाभदायक एक्सटेंशन है जो जालस्थलों से विज्ञापन हटा देता है।  ...

नवगीत की पाठशाला में- कार्यशाला-१८, विषय- उत्सव का मौसम में गीतों का प्रकाशन प्रतिदिन जारी है। रचनाएँ अभी भी भेजी जा सकती हैं।  

लोकप्रिय कहानियों के अंतर्गत- अभिव्यक्ति के पुराने अंकों में से प्रस्तुत है- ९ अगस्त २००२ को प्रकाशित शैल अग्रवाल की कहानी— वापसी

वर्ग पहेली-०४९
गोपालकृष्ण-भट्ट
-आकुल और रश्मि आशीष के सहयोग से

सप्ताह का कार्टून-             
कीर्तीश की कूची से

अपनी प्रतिक्रिया लिखें / पढ़ें

साहित्य व संस्कृति में- दशहरे के अवसर पर

1
साहित्य संगम में भारत से रवीन्द्रनाथ ठाकुर की
बांग्ला कहानी का हिंदी रूपांतर- विद्रोही

लोग कहते हैं अँग्रेजी पढ़ना और भाड़ झोंकना बराबर है। अँग्रेजी पढ़ने वालों की मिट्टी खराब है। अच्छे-अच्छे एम.ए. और बी.ए. मारे-मारे फिरते हैं, कोई उन्हें पूछता तक नहीं। मैं इन बातों के विरुद्ध हूँ। अँग्रेजी पढ़-लिखकर मैं डॉक्टर बना हूँ। अँग्रेजी शिक्षा के विरोधी तनिक आँख खोलकर मेरी दशा देखें। सोमवार का दिन था। सवा नौ बजे मेरे मित्र बाबू सन्तोषकुमार बी.एस-सी. एक नवयुवक रोगी को साथ लिये मेरे दवाखाने में आये। उस रोगी की आयु अठारह-उन्नीस से अधिक न थी। गेहुआँ रंग, बड़ी-बड़ी आँखें, गठीला शरीर, कपड़े स्वदेशी, किन्तु मैले थे। सिर के बाल लम्बे और रूखे। सन्तोषकुमार ने युवक का परिचय कराते हुए कहा- आप जिला नदिया के निवासी हैं, नाम ललित हैं। एम.ए. में पढ़ते थे; परन्तु किसी कारणवश कॉलेज छोड़ दिया। मैंने मुस्कराते हुए पूछा- आजकल आप क्या करते हैं? उत्तर सन्तोषकुमार ने दिया- दो महीने पहले तक किरण प्रेस में प्रूफरीडर के काम पर थे फिर नौकरी छोड़ दी। परसों से ज्वर से पीड़ित हैं, कोई अच्छी औषधि दीजिये।... विस्तार से पढ़ें...

डॉ. अशोक गौतम का व्यंग्य
हाय रे मेरे भाग
*

मनोहर पुरी का आलेख
दसों पापों को हरने वाला दशहरा

*

शैलेन्द्र पांडेय के साथ पर्यटन
धनुषकोटि जहाँ राम ने सेतु बाँधा था
*

मानोशी चैटर्जी के साथ देखें
पुनर्पाठ में- चंदनपुर की जगद्धात्री पूजा

अभिव्यक्ति समूह की निःशुल्क सदस्यता लें।

पिछले सप्ताह-

1
संजीव सलिल की लघुकथा
गांधी और गाँधीवाद
*

अनुपम मिश्र का आलेख
तैरने वाला समाज डूब रहा है

*

पुनर्पाठ में- रिंपी खिल्लन सिंह का आलेख
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना की लोक चेतना
*

समाचारों में
देश-विदेश से साहित्यिक-सांस्कृतिक सूचनाएँ

*

समकालीन कहानियों में भारत से
मथुरा कलौनी की कहानी- एक झूठ

कहानियों के लिये सामग्री हमें आसपास की जीवन से मिल जाती है। पात्रों के जीवन में झाँक कर और कुछ कल्पलना के रंग भर कर कहानी बन ही जाती है। सावधानी यह बरतनी पड़ती है कि पात्र या घटनाएँ बहुत करीब की न हों। बच्चे क्या सोचेंगे, भाई साहब कहीं बुरा न मान जाएँ आदि के चक्कर में रोचक उपन्यासों का मसाला धरा का धरा रह जाता है। कभी कभी ऐसा भी होता है कि पाठक कपोल कल्पित घटना को सच मान बैठते हैं। 'ऐसी कल्पना तो कोई कर ही नहीं सकता है, जरूर आपके साथ ऐसा घटा है!'
बहरहाल, आप बताइये कि यह कहानी सच्ची है या नही। मुझे तो लगता है कि इस कहानी का नायक झूठ बोल रहा है। ....कहते हैं युवावस्था में मन मचल जाता है, दृष्टि फिसल जाती है इत्यादि। रूमानी साहित्य में कालेज-जीवन में ऐसी घटनाओं के होने का वर्णन मिलता है। ...
विस्तार से पढ़ें...

अभिव्यक्ति से जुड़ें आकर्षक विजेट के साथ

आज सिरहानेउपन्यास उपहार कहानियाँ कला दीर्घा कविताएँ गौरवगाथा पुराने अंक नगरनामा रचना प्रसंग पर्व पंचांग घर–परिवार दो पल नाटक परिक्रमा पर्व–परिचय प्रकृति पर्यटन प्रेरक प्रसंग प्रौद्योगिकी फुलवारी रसोई लेखक विज्ञान वार्ता विशेषांक हिंदी लिंक साहित्य संगम संस्मरण
चुटकुलेडाक-टिकट संग्रहअंतरजाल पर लेखन साहित्य समाचार साहित्यिक निबंध स्वास्थ्य हास्य व्यंग्यडाउनलोड परिसरहमारी पुस्तकेंरेडियो सबरंग

© सर्वाधिकार सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित होती है।

प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन
-|-
सहयोग : दीपिका जोशी

Google
Search WWW Search www.abhivyakti-hindi.org

blog stats
आँकड़े विस्तार में
१ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ ०