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हास्य व्यंग्य

गरमी के खिलाफ़ मौसम मंत्री का बयान
-वीरेंद्र जैन


माननीय सदस्यों शांत हो जाइए, हम विश्वास दिलाते हैं सरकार इस बात की पूरी जाँच करेगी कि गर्मी पड़ रही है तो क्यों पड़ रही है। ये सूरज के कारण ही पड़ रही है या इसमें कोई विदेशी हाथ है। पहले हमें यह देखना पड़ेगा कि क्या सचमुच गरमी पड़ रही है या हमारे माननीय सदस्य को कोई भ्रम हो गया है, आखिर हमारे माननीय सदस्य गर्मी के सम्पर्क में आए तो कैसे आए जब कि हमने सदन से लेकर भवन तक और कार से लेकर चेयर-कार तक सब कुछ एसी करा दिया है और जिसका बिजली का बिल भी सरकार भरती है। सदस्यों को स्वयं अनुभव के खतरे मोल नहीं लेना चाहिए। उन्हें जो कुछ भी मालूम करना हो वह मीडिया से पता करना चाहिए। उनका भी कुछ कर्तव्य होता है कि वे क्रिकेट और शेयर बाज़ार के अलावा कुछ मौसम पर्यावरण पर भी लिख कर सदस्यों को खतरों में न जाने दें।

हम सूरज की जाँच के लिए भी एक आयोग बैठाएँगे जिसमें सभी दलों से सदस्य चुने जाएँगे जिनके लिए विशेष भत्तों की व्यवस्था होगी तथा सूरज की गर्मी जाँचने के लिए यदि कोई सदस्य कहीं की यात्रा करना चाहेगा तो उसे उसकी अनुमति दी जाएगी चाहे तो वह एसी वैन में सीधे सूरज पर ही जा सकता है, भले ही अभी आदमी केवल चाँद पर पहुँचा हो पर वह कब सूरज पर पहुँच जाए कहा नहीं जा सकता तथा हमारे यहाँ के आयोगों की उम्र तो अनंतकालीन होती है। आधुनिक विज्ञान हमारे वेतन भत्तों और यात्राओं के लिए अनेक आयाम देता है पहले हमारे अनेक भूतपूर्व सदस्यों का निधन बिना बायपास सर्जरी कराए हो गया था, पर अब ज़्यादातर मामलों में वे अपनी अंतिम यात्रा बायपास कराने के बाद करते हैं। दवाओं की मल्टी नैशनल कम्पनियाँ मुफ्त में बाँटी जाने वाली दवाओं के मनमाने रेट में सरकारी खरीद की ही दम पर फर्राटे भर रही हैं जिससे हमारा जीडीपी आसमान में जा पहुँचा है।

हम सदस्यों की चिन्ता को जायज़ मानते हैं आखिर मंत्रालयों में सिफ़ारिशें करने, बिना कैमरे के सामने आए सदस्यता निधि से राशि स्वीकृत करने, 'अपने जैसी धर्मपत्नी' बच्चों के साथ विदेश यात्राएँ करने तथा बिना अपनी पार्टी से पूछे सवाल पूछने के अलावा उन्हें, जब वे सदन में आएँ, तो कोई काम तो चाहिए ही चाहिए। माननीय सदस्यों ने इस विषय पर गरमी दिखा कर अपने दायित्वों का सही निर्वहन किया है, हम उनकी सराहना करते हैं और सरकार की ओर से कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। इस विषय पर उन्हें वाकआउट करने की बिल्कुल ज़रूरत नहीं है क्योंकि हो सकता है कि बाहर सचमुच गरमी पड़ रही हो।

हम माननीय सदस्यों को भरोसा दिलाते हैं कि हम एक स्वतंत्र और सार्वभौम गणतंत्र हैं तथा अपने स्वतंत्र फैसले अपने देशहित को घ्यान में रख कर लेते हैं। हम पर अमरीकी दबाव में काम करने का जो आरोप लगाया जाता है वह गलत है, भले ही अमरीका हमारा मित्र राष्ट्र है और मित्रता के नाम पर हमें भले बुरे की सलाहें देता रहता है। हमारी परंपरा रही है कि हम अपने राष्ट्रहित के विरुद्ध जाने पर किसी को माफ़ नहीं करते। हमारे सदस्य जानते ही हैं कि जिस कथा को दृष्टिगत रख कर हमारी सरकार बहुत सारे विकास संबंधी फैसले ले रही है उसी के अनुसार हनुमान जी ने तो सूरज को निगल ही लिया था और केवल तीनों लोकों में अंधियारा घिरने से आई दया और देवताओं की अनुनय विनय के कारण ही उसे उगल दिया था। जब भी राहु केतु द्वारा उसे खाने की कोशिश की जाती है तो हमारे देश के लोग ही भजन कीर्तन के द्वारा शोर मचा कर उसे छुड़वाते हैं। हमारे देवताओं ने तो समुद्र पर सेतु बाँध कर उन राक्षसों को भी मार गिराया था जिन्होंने सूरज चाँद आदि को अपने पलंग के पैताने बाँध कर रखा था। अब यदि सूरज हमारे देश में गरमी पैदा करने का षड़यंत्र रच रहा है तो उसकी पूरी जाँच कराई जाएगी और रिपोर्ट सदन के पटल पर पटक दी जाएगी। उस रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्यवाही की जाएगी।

माननीय सदस्यों हम जनता के प्रतिनिधि हैं और उसके कल्याण के प्रति सजग हैं। हमने सभी जिलाधीशों को आदेश दिया है कि राशन की सारी दुकानों पर सस्ती दरों पर पानी की बोतलें उपलब्ध कराएँ और अगर कहीं से कोई शिकायत आती है तो उस जिलाधीश का स्थानान्तरण कर दिया जाएगा ताकि वह दूसरे जिले में अपना काम सम्हाल सके। गरीबी रेखा से नीचे रहने वालों को पानी की बोतलों पर अनुदान देने की व्यवस्था की जा रही है ताकि उन्हें कोई तकलीफ़ न हो। यह अनुदान सीधे पानी को बोतल बंद करने वाली इकाइयों को प्रदान किया जाएगा जिससे वे उत्साहित होकर अपने उत्पादन बढा सकें। कहा जाता है कि कच्चे आम का पना पीने से गरमी से बहुत राहत मिलती है इसलिए हमने आमों के कच्चे रहने तक उनके निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का विचार किया है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के प्रचार विभाग को कहा गया है कि आम के पने का उपयोग बढ़ाने का व्यापक प्रचार प्रसार करें। सारे देश में होर्डिग लगाने व दीवाल लेखन के लिए बीस करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। हमने आदेश दिया है कि इन होर्डिंगों पर स्थानीय सांसदों और विधायकों के फ़ोटो भी लगाए जाएँ। हमें विश्वास है कि हमारे सदस्य संतुष्ट होंगे और जनहित के हमारे प्रयासों में सहयोगी होंगे।
पोस्टरों की सप्लाई का ठेका मंत्री जी के साले को मिला।

१९ मई २००८

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