वर्धा हिंदी विश्वविद्यालय में विकसित
हिंदी साफ्टवेयर
- कल्पना रामानी
विगत ३१ दिसंबर को आयोजित
महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्याल वर्धा के
१६ वें वार्षिक स्थापना दिवस समारोह के भव्य आयोजन के समय
विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति श्री विभूति नारायण राय ने
‘वर्धा हिंदी शब्दकोश’ नामक सॉफ्टवेयर लॉन्च किया।
विश्वविद्यालय की बहुआयामी परियोजना ‘वर्धा हिंदी शब्दकोश’
के तहत इस सॉफ्टवेयर को एसोसिएट प्रोफेसर जगदीप सिंह दाँगी
ने विकसित किया है। विश्वविद्यालय द्वारा यह सॉफ्टवेयर
हिंदी भाषियों के लिए निःशुल्क जारी किया गया है। कोई भी
व्यक्ति इसे विश्वविद्यालय की वेबसाइट (http://www.hindivishwa.org
) से डाउनलोड कर उपयोग कर सकता है।
‘वर्धा हिंदी शब्दकोश सॉफ्टवेयर’
आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की भाषा के रूप में विश्व मंच पर
प्रतिष्ठित होने के लिए संघर्षरत हिंदी कई देशों में
विश्वविद्यालय स्तर पर पढ़ायी जा रही है, बड़ी संख्या में
विदेशी उससे जुड़ रहे हैं। उन लोगों की कठिनाइयों को ध्यान
में रखकर तैयार किया गया कोई शब्दकोश हिंदी में उपलब्ध
नहीं है। 'वर्धा हिंदी शब्दकोश' सॉफ्टवेयर इस अभाव को दूर
करने का महत्वपूर्ण प्रयास है।
यह विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलने वाला सॉफ्टवेयर है। यह
देवनागरी हिंदी यूनिकोड फ़ॉन्ट आधारित सॉफ्टवेयर है।
सॉफ्टवेयर का संपूर्ण इंटरफ़ेस देवनागरी लिपि (हिंदी भाषा)
में है। यह पहला ऑफ़लाइन यूनिकोड आधारित हिंदी-टू-हिंदी
शब्दकोश है जिसे ऑफ़लाइन उपयोग करने की दृष्टि से तैयार
किया गया है। हिंदी शब्दकोशों में वर्तनी की एकरूपता का
प्रायः अभाव रहता है। वर्धा हिंदी शब्दकोश सॉफ्टवेयर इस
दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है कि इसमें वर्तनी की एकरूपता का
ध्यान रखते हुए बहुधा प्रयुक्त शब्दों को समाहित किया गया
है।
यह अपने ढंग का पहला हिंदी शब्दकोश सॉफ्टवेयर है, जिसमें
बोलचाल की भाषा में प्रयुक्त होने वाले शब्दों को
प्राथमिकता दी गई है। ज्ञान में विविध अनुशासनों के शब्दों
को लिया गया है। इसके अंदर हिंदी के ४८००० मूल-शब्द
(हेड-वर्ड्स) संग्रहित हैं। इसमें हिंदी शब्द के
शब्दार्थों, उनकी व्युत्पत्ति, शाब्दिक कोटि, मुहावरे,
लोकोक्ति आदि का भी समावेश है। यह एक आम हिंदी उपयोगकर्ता
को ध्यान में रखते हुए विकसित किया गया है ताकि उसे इसके
प्रयोग या संचालन में कोई दिक्कत न हो। इसको बड़ी ही सहजता
के साथ प्रयोग में लाया जा सकता है।
उपयोगकर्ता जिस किसी भी हिंदी शब्द का अर्थ देखना चाहता है
तो सिर्फ उसे वह हिंदी शब्द इस सॉफ्टवेयर में टाइप करना
होगा और बटन दबाना होगा तो उसे शब्दार्थ एवं उस शब्द से
संबंधित शब्दों की सूची एवं अर्थ प्राप्त होंगे। इसके
अतिरिक्त यदि शब्दार्थ में वर्णित किसी भी शब्द का अर्थ भी
देखना चाहते हैं तो सिर्फ आप उस शब्द पर क्लिक कीजिए तो
माउस पाइंटर के स्थान पर ही आपको उसका अर्थ भी प्राप्त हो
सकेगा। इस सॉफ्टवेयर पैकेज का आकार बहुत ज्यादा नहीं है यह
मात्र ११.५ एम.बी. का है। इसलिए इसे इंटरनेट से आसानी से
डाउनलोड भी किया जा सकता है। दी जा रही लिंक से डाउनलोड
करें।
http://www.hindisamay.com/zip/Wardha_hindi_Kosh.zip
सक्षम
इससे पहले वर्ष २०१३ में श्री जगदीप दाँगी 'सक्षम' नाम से
यूनिकोड आधारित मानक हिंदी के लिए पहला वर्तनी जाँचक
सॉफ़्ट्वेयर भी बना चुके हैं। हिंदी लिखने के लिए ज्यादातर
लोग अंग्रेज़ी की-बोर्ड का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन
अंग्रेज़ी में ‘त’ और ‘ट’ के लिए अंग्रेज़ी कीबोर्ड के एक
ही अक्षर ‘T’ का प्रयोग होता है. ऐसे में वर्तनी की
गलतियाँ होना काफी आम बात है। इसी तरह की गलतियों को
सुधारने के लिए 'सक्षम' को बनाया गया है।”
सक्षम से पहले माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस ने भी अपने सॉफ्टवेयर्स
में हिन्दी की स्पेलिंग चेक करने का विकल्प दिया था, लेकिन
प्रयोग करने वालों को को इसके लिए हिंदी का ही
माइक्रोसॉफ्ट ऑफ़िस ख़रीदना पड़ता था जो काफ़ी महँगा है।
नया हिंदी स्पेल चेक साधारण माइक्रोसॉफ्ट वर्ड के साथ काम
कर सकता है। टेबल में लिखा टेक्स्ट हो, चाहे रोमन हिंदी और
देवनागरी मिलाकर लिखी गई हो, 'सक्षम' यूनिकोड हिंदी में
लिखे टेक्स्ट को ढूँढकर चेक कर लेता है। सुधार से पहले
'सक्षम' अशुद्ध शब्द के लिए परिवर्तन का सुझाव भी देता है।
'सक्षम' को बनाने में उन्हें तीन साल का समय लगा था। इसे
महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा
के कुलपति विभूति नारायण राय ने लोकार्पित किया था। यह
सक्षम का प्रारंभिक संस्करण था जिसमें ६९००० हिंदी शब्द
जाँचने की क्षमता थी। लोकार्पण के समय प्रोफ़ेसर दाँगी ने
बताया कि आगे चलकर इसके शब्दों की संख्या दो लाख़ तक
पहुँचा दी जाएगी, जिसके बाद 'सक्षम' का विस्तृत संस्करण भी
लोकार्पित कर दिया जाएगा।
इसे जगदीप सिंह दाँगी द्वारा विकसित किया गया है जो
महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय – वर्धा
में एसोसिएट प्रोफेसर – भाषा विद्यापीठ हैं। जगदीप दाँगी
दवारा इससे पूर्व हिंदी के लिए महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर भी
विकसित किये गए हैं। जिनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार से
है।
वर्ष २००५ में उन्होंने चार सालों अथक मेहनत के बाद हिंदी
इंटरनेट एक्सप्लोरर बनाया था। इस हिंदी इंटरनेट एक्सप्लोरर
में वे सारी सुविधाएँ हैं जो माइक्रोसॉफ्ट एक्सप्लोरर में
मौजूद होती हैं। जैसे मेन्यू और कमांड्स इत्यादि। हिंदी
भाषियों की सुविधा के लिए ये सभी देवनागरी लिपि में दिखाए
गए हैं।
इसके साथ ही मौज़ूद है इसमें “क्लिक टू हिंदी” की आसानी
जिसके तहत कोई भी वेब पेज पढ़ते समय किसी भी शब्द पर क्लिक
कर उस शब्द का हिंदी अर्थ, उच्चारण और पर्यायवाची शब्द
साथ-साथ देखे जा सकते हैं। लगभग उसी प्रक्रिया की तरह जो
डिक्शनरी डॉट कॉम में देखने में आती है। उनके द्वारा तैयार
किए गए इस शब्दकोष में ३५ हज़ार अंग्रेजी शब्दों के हिंदी
में मायने पर्यायवाची शब्दों के साथ जोड़े गए थे लेकिन
इस्तेमाल करनेवाले अपनी सुविधानुसार इसमें नए शब्द भी जोड़
सकते हैं।
इस साफ्टवेयर को विकसित करने के लिए, मध्य प्रदेश में
विदिशा ज़िले के कंप्यूटर इंजीनियर जगदीप सिंह दाँगी का
नाम लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है।
जगदीप दाँगी द्वारा निर्मित कुछ
अन्य साफ्टवेयर
इसके अतिरिक्त प्रो. जगदीप दाँगी ने प्रखर देवनागरी फ़ॉन्ट
परिवर्तक (अस्की/इस्की फ़ॉन्ट से यूनिकोड फ़ॉन्ट में
परिवर्तन हेतु), यूनिदेव (यूनिकोड फ़ॉन्ट से अस्की/इस्की
फ़ॉन्ट में परिवर्तन हेतु), शब्द-ज्ञान (यूनिकोड आधारित
हिंदी-अंग्रेजी-हिंदी शब्दकोश), प्रखर देवनागरी लिपिक
(यूनिकोडित रेमिंगटन टंकण प्रणाली आधारित), प्रलेख
देवनागरी लिपिक (यूनिकोडित फ़ॉनेटिक इंग्लिश टंकण प्रणाली
आधारित), अंग्रेजी-हिंदी शब्दानुवादक (ग्लोबल वर्ड
ट्रांसलेटर) तथा शब्द-संग्राहक का निर्माण भी किया है।
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जनवरी २०१४ |