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प्रौद्योगिकी


वर्ष २०११ का तकनीकी सफर
- श्रीश बेंजवाल शर्मा


वर्ष २०११ तकनीकी विकास के लिहाज से काफी उन्नत रहा। इस दौरान जहाँ कई नये गैजेट सामने आये वहीं पुराने उपकरण भी बेहतर हुये। आइये नजर डालें सन् २०११ में हुये तकनीकी बदलाव पर।
स्मार्टफोन

स्मार्टफोन की बात करें तो सैमसंग ने साल २०१० के अपने सुपरहिट मॉडल गैलैक्सी ऍस का नया मॉडल गैलैक्सी ऍस २ पेश किया जिसमें कि १.२ गीगाहर्ट्ज का ड्यूल कोर प्रोसैसर है। यह मॉडल भी अपने पूर्ववर्ती की भाँति काफी सफल रहा। मोटोरोला ने ऍट्रीक्स ४जी नामक स्मार्टफोन पेश किया जो कि एक डॉक के साथ लगाने पर कम्प्यूटर की तरह कार्य करता है। गूगल ने भी आइसक्रीम सैंडविच वाला पहला स्मार्टफोन नैक्सस ऍस पेश किया। ऍपल भी पीछे नहीं रहा तथा उसने आइफोन का नया संस्करण आइफोन ४ऍस जारी किया। २०१२ में सैमसंग के गैलैक्सी ऍस का तीसरा संस्करण भी आने वाला है जिसमें १.८ ड्यूल कोर (या क्वाड कोर) प्रोसैसर, २ जीबी रैम, ऍचडी स्क्रीन तथा ३डी होने की उम्मीद है।

टैबलेट

न् २०११ में आइपैड के साथ शुरु हुआ टैबलेट कम्प्यूटर का क्रेज २०११ में भी जारी रहा। ऍपल ने अपने टैबलेट कम्प्यूटर आइपैड का नया मॉडल आइपैड २ जारी किया। लास वेगास में हुये कंज्यूमर इलैक्ट्रॉनिक्स शो में लगभग ७५ नये टैबलेट पेश किये गये। इनमें सबसे ज्यादा चर्चित रहा मोटोरोला का ज़ूम टैबलेट जो कि ऍण्ड्रॉइड के टैबलेट हेतु बनाये गये विशेष संस्करण ३ (हनीकॉम्ब) युक्त पहला टैबलेट था। इसके बाद पूरे वर्ष १० इंच स्क्रीन वाले हनीकॉम्ब युक्त कई ३जी टैबलेट आये। हाल ही में ऍण्ड्रॉइड का नवीनतम संस्करण ४ (आइसक्रीम सैंडविच) भी जारी हुआ जिसमें कि हिन्दी भाषा का समर्थन भी शामिल है। आसुस नामक कम्पनी ने पहले क्वाड कोर प्रोसैसर युक्त टैबलेट की घोषणा भी की है जो कि सन् २०१२ के शुरु में आने की उम्मीद है। आसुस के इस टैबलेट को कीबोर्ड डॉक पर लगाकर लैपटॉप का रूप भी दिया जा सकता है। ईकॉमर्स वेबसाइट अमेजन भी किंडल फायर नामक अपना टैबलेट लेकर आयी।

भारत में बीते वर्ष सस्ते टैबलेट बाजार में प्रतिस्पर्धा रही। रिलायंस के ३जी टैब, बीटल मैजिक, मर्करी ऍमटैब आदि सहित कई सस्ते जिंजरब्रैड संस्करण वाले टैबलेट आये। डाटाविंड कम्पनी का २५०० रुपये कीमत का आकाश (सरकार द्वारा विद्यार्थियों के लिये बनवाया गया) तथा ३००० रुपये कीमत का यूबीस्लेट (सामान्य बिक्री हेतु बनाया गया) टैबलेट भी आया। वहीं चीन में लगभग ५००० रुपये कीमत का एम.आई.पी.एस. (MIPS) टैक्नोलॉजी नामक कम्पनी द्वारा निर्मित १ गीगाहर्ट्ज प्रोसैसर तथा आइसक्रीम सैंडविच युक्त सस्ता टैबलेट भी सामने आया।

लैपटॉप

लैपटॉप के क्षेत्र में भी नयी तकनीक ने दखल दिया। इंटैल के सैंडीब्रिज टैक्नोलॉजी वाले सैकेंड जैनरेशन के कोर प्रोसैसरों ने पहले वालों का स्थान लिया। ब्ल्युटूथ ३.० तथा यूऍसबी ३.० पोर्टों का आगमन हुआ। लैपटॉप में भी ऍलसीडी डिस्प्ले का स्थान ऍलईडी ने ले लिया।

इस साल लैपटॉप के क्षेत्र में भी नयी शुरुआत हुयी। ऍपल के मॅकबुक ऍयर की तर्ज पर इंटैल ने अल्ट्राबुक नाम से लैपटॉप के लिये स्पैसिफिकेशन जारी की। सरल शब्दों में कहें तो अल्ट्राबुक एक लाइटवेट अल्ट्रापोर्टेबल लैपटॉप है। अल्ट्राबुक की स्पैसिफिकेशन में १३.३ इंच स्क्रीन, अधिकतम ०.८ इंच मोटे, अधिकतम १.४ किलोग्राम भारी, कम से कम पाँच घंटे की बैट्री लाइफ तथा हार्ड डिस्क के स्थान पर सोलिड स्टेट ड्राइव शामिल हैं। ये स्लिम, पतले, हल्के एवं आकर्षक होते हैं तथा इनमें सीडी/डीवीडी ड्राइव नहीं होती। ऍसर, ऍचपी, आसुस, तोशिबा, लेनोवो तथा सोनी ने अल्ट्राबुक लॉञ्च की हैं। इंटैल अल्ट्राबुक के लिये सैंडीब्रिज के स्थान पर आइवी ब्रिज नामक विशिष्ट प्रोसैसर तैयार कर रहा है। फिलहाल इनमें सैंडीब्रिज मोबाइल प्रोसैसर प्रयोग हो रहा है। अल्ट्राबुक अभी काफी महंगी हैं, लगभग ५०,००० रुपये के आसपास। लगभग इतनी ही कीमत से मॅकबुक ऍयर के मॉडल शुरु होते हैं तो कोई इन्हें क्यों खरीदेगा। जब तक इनकी कीमत नीचे नहीं आती, आम उपभोक्ता इनसे दूर ही रहेगा।

क्रोम ओऍस युक्त गूगल की क्रोमबुक भी आयी पर उन्हें कोई खास रिस्पॉन्स नहीं मिला। इंटरनेट की अनिवार्यता के च
लते भारत में तो ये फिलहाल कामयाब ही नहीं।

टेलीविजन

पिछले कुछ सालों से ऍलसीडी टेलीविजन का क्रेज बढ़ गया है। २०११ में ऍलईडी का दौर आया। ऍलईडी की पिक्चर क्वालिटी ऍलसीडी की तुलना में बेहतर तो है ही, इनकी बिजली खपत भी कम है। लोगों ने अपने पुराने बड़े टेलीविजनों से छुटकारा पाकर दीवार पर टाँगे जा सकने वाले ऍलईडी खरीदे। इसके अतिरिक्त हाइ-डैफीनीशन के प्रति जागरूकता भी बढ़ी तथा अब लोग फुल ऍचडी टीवी खरीदना पसन्द कर रहे हैं। ऍलजी ने २.९ मिलीमीटर मोटा दुनिया का सबसे पतला टीवी भी बनाया जो कि फुल ऍचडी है।

पहले ऍल जी तथा बाद में कुछ दूसरी कम्पनियों ने ३डी टीवी भी बनाये पर ये ज्यादा चले नहीं। इसका कारण शायद ३डी सामग्री की कमी तथा चश्मे का झंझट है। इसी साल तोशिबा ने अपना ३डी टीवी भी प्रस्तुत किया जिसे देखने हेतु चश्मे की जरूरत नहीं।

डैस्कटॉप

डैस्कटॉप के क्षेत्र में कोई विशेष नयी चीज देखने को नहीं मिली। इनमें भी इंटैल के सैंडीब्रिज टैक्नोलॉजी वाले सैकेंड जैनरेशन प्रोसैसर तथा यूऍसबी ३.० पोर्ट आये। ऍलसीडी मॉनीटर की जगह धीरे-धीरे ऍलईडी ने लेनी शुरु की। सैमसंग द्वारा माइक्रोसॉफ्ट के लिये बनाया गया SUR४० कम्प्यूटर सामने आया जो कि ४० इंच की फुल ऍचडी टचस्क्रीन युक्त है हालाँकि यह केवल ऍण्टरप्राइज प्रयोग के लिये है, सामान्य उपभोक्ताओं के लिये नहीं।

अन्य हार्डवेयर

ब्ल्यूटुथ, यूऍसबी तथा स्टोरेज डिवाइसों में बेहतरी देखने को मिली। नये कम्प्यूटर यूऍसबी ३.० आने लगे हैं जो कि न केवल यूऍसबी २.० से काफी तेज डाटा ट्राँसफर स्पीड प्रदान करता है बल्कि इसमें एक साथ डाटा भेजा एवं प्राप्त किया जा सकता है। ब्ल्यूटुथ ३.० युक्त लैपटॉप भी आये। ब्ल्यूटुथ का संस्करण ४.० भी घोषित हो चुका है। ऍपल ने भी अपना हाइ-स्पीड थंडरबोल्ट पोर्ट बनाया जो कि उसके डैस्कटॉप एवं लैपटॉप में उपलब्ध है।

ऑपरेटिंग सिस्टम

डैस्कटॉप ऑपरेटिंग सिस्टमों के क्षेत्र में माइक्रोसॉफ्ट ने विण्डोज़ के नये संस्करण विण्डोज़ ८ की घोषणा की और इसका डैवलपर प्रिव्यू जारी किया। विण्डोज़ ८ में विण्डोज़ फोन वाला मैट्रो इंटरफेस है। यह संस्करण डैस्कटॉप के अतिरिक्त टैबलेट पर भी चलेगा।

लिनक्स की दुनिया में ग्नोम डैस्कटॉप का नया संस्करण ३ आया जिसमें कि फायरफॉक्स की तरह ऍक्सटेंशन सुविधा है। दो सबसे लोकप्रिय लिनक्स वितरण उबुंटू एवं लिनक्स मिंट के अलावा यह फेडोरा में भी आ चुका है। साथ ही उबुंटू का विकास करने वाली कम्पनी कैनॉनिकल ने घोषणा की है कि २०१४ में वह उबुंटू का स्मार्टफोन एवं टैबलेट पर चलने वाला संस्करण भी जारी करेगा।

मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टमों के क्षेत्र में ऍण्ड्रॉइड का नया संस्करण ४ (आइसक्रीम सैंडविच) चर्चित रहा। यह संस्करण स्मार्टफोन एवं टैबलेट दोनों के लिये संयुक्त रूप से बनाया गया है। इसमें एक अच्छी बात ये भी है कि हिन्दी का समर्थन आ गया है। इस साल ऍपल ने भी आइफोन, आइपैड तथा आइपॉड टच में प्रयुक्त होने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम आइओऍस का नया संस्करण ५ निकाला जिसके साथ हिन्दी वालों को हिन्दी कीबोर्ड का उपहार मिला। ऍचपी के वेबओऍस के लिये यह साल अच्छा नहीं रहा तथा ऍचपी ने आगे से वेबओऍस वाले डिवाइस बनाना बन्द करने की घोषणा की। इसके अलावा नोकिया ने भी सिम्बियन को अलविदा कह माइक्रोसॉफ्ट से गठबन्धन कर आगे से विण्डोज़ फोन वाले स्मार्टफोन बनाने की घोषणा की।

इंटरनेट एवं सोशल नेटवर्किंग

फेसबुक और ट्विटर की प्रतिस्पर्धा के बीच गूगल ने अपना सोशल नेटवर्किग प्लेटफॉर्म गूगल+ भी लॉञ्च किया। यह पूरी तरफ फ्लॉप तो न हुआ पर बहुत सफल भी न रहा। इस बीच फेसबुक व ट्विटर भी बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते अपने इंटरफेस में बदलाव एवं नयी सुविधायें लाते रहे। ट्विटर जहाँ फोटो अपलोडिंग की सुविधा लाया वहीं फेसबुक में वीडियो कॉलिंग सुविधा आयी।

बीते साल क्लाउड कम्प्यूटिंग का भी बोलबाला रहा। अधिकतर मोबाइल प्लेटफॉर्म क्लाउड कम्प्यूटिंग की तरफ बढ़ रहे हैं। ऍपल ने आइफोन, आइपैड तथा मैक के लिये आइक्लाउड सुविधा की घोषणा की जिससे सभी डिवाइसों का डाटा क्लाउड पर सिंक किया जा सकता है। फायरफॉक्स, क्रोम आदि ब्राउजरों ने भी यूजर का डाटा (बुकमार्क, हिस्ट्री, सैटिंग्स आदि) सिंक करने की सुविधा प्रदान की। गूगल डॉक्स की प्रतिस्पर्धा में माइक्रोसॉफ्ट ने भी अपने ऑफिस सुइट का ऑनलाइन संस्करण जारी किया।

कुछ अन्य उल्लेखनीय गैजेटों में सोनी द्वारा प्रस्तुत ३डी कैमकॉर्डर शामिल है जो कि ३डी वीडियो शूट करने वाला पहला कैमकॉर्डर है। यह मार्च २०१२ के आसपास आने की उम्मीद है। एंग्री बर्ड्स की भी २०११ में धूम रही। २००९ में आइफोन ऍप्लिकेशन के तौर पर शुरु हुयी यह ऑनलाइन गेम अब ऍण्ड्रॉइड के अलावा क्रोम वेब ब्राउजर एवं ऑनलाइन वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। साल २०११
तकनीकी क्षेत्र के दो दिग्गजों सी एवं यूनिक्स के जनक डैनिस रिची तथा ऍपल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की मृत्य का गवाह भी रहा।

कुल मिलाकर साल २०११ तकनीकी विकास के लिहाज से उपलब्धिपूर्ण रहा। यह विकास अगले साल भी जारी रहने की उम्मीद है तथा नये बेहतर गैजेट देखने को मिलेंगे।

२ जनवरी २०१२

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