खजूर विश्व के सबसे
पौष्टिक फलों में से एक है। सदियों से यह मध्यपूर्व
एशिया और उत्तरी अफ्रीका के रेगिस्तानी इलाकों का
प्रमुख भोजन बना हुआ है क्यों कि वहाँ इसके सिवा और कुछ
उत्पन्न नहीं होता। यह ताज़ा और सूखा, दोनों तरह के
फलों में गिना जा सकता है। पेड़ पर पके खजूर ज़्यादा
स्वादिष्ट होते हैं। लेकिन जल्दी खराब हो जाने की वजह
से इसे धूप में सुखाया जाता है। सूखे हुए खजूर का वजन
करीब ३५ प्रतिशत कम हो जाता है। ताज़े खजूर के मुकाबले
सूखे खजूर में रेशों की मात्रा अधिक होती है।
खजूर में पौष्टिक
तत्व काफी मात्रा में होते हैं। इसके सेवन से ग्लुकोज
और फ्रुक्टोज के रूप में नैसर्गिक शक्कर हमारे शरीर को
मिलती है। इस तरह की शक्कर शरीर में शोषण के लिए तैयार
रहती है, इसलिए यह आम शक्कर से अच्छी होती है। रमज़ान
के पवित्र महिने में खजूर खा कर ही उपवास की समाप्ति
की जाती है।
खजूर अपने आप में एक
टॉनिक भी है। खजूर के साथ उबला हुआ दूध पीने से ताकत
मिलती है। खजूर को रात भर पानी में भीगो कर रखिये। फिर
इसी में थोड़ा मसल कर उसका बीज निकाल दीजिए। यह हफ्ते
में कम से कम दो बार सुबह लेने से अपने दिल को मजबूती
मिलती है। यदि कब्ज की शिकायत है तो रात भर भीगाया हुआ
खजूर सुबह महीन पीस कर लेने से यह शिकायत दूर हो सकती
है। बकरी के दूध में खजूर को रात भर भीगो कर रखिए।
सुबह इसी में पीस कर थोड़ी दालचिनी पावडर और शहद
मिलाइए। इसके सेवन से बांझपन दूर हो सकता है।
खजूर के पेड़ का हर
हिस्सा उपयोगी होता है। इसकी पत्तियाँ और तना घर के
लिए लकड़ी बाड़ और कपड़े बनाने के काम आते हैं।
पत्तियों से रस्सी, सूत और धागे बनाए जाते हैं जिनके
प्रयोग से सुंदर टोकरियों और फर्नीचरों का निर्माण
होता है। फल की डंडियों और पत्तियों के मूल हिस्से
इंधन के काम आते हैं।
खजूर से अनेक
खाद्यपदार्थों का निर्माण होता है जिनमें सिरका,
तरह-तरह की मीठी चटनियाँ और अचार प्रमुख हैं। अनेक
प्रकार के बेकरी उत्पादों के लिए इसके गूदे का प्रयोग
होता है। अरबी व्यंजन कानुआ और भुने हुए खजूर के बीज
सारे अरबी समाज में लोकप्रिय हैं। यहाँ तक कि इसकी
कोपलों को शाकाहारी सलाद में अत्यंत स्वास्थ्यवर्धक
समझा जाता है।
विश्व भोजन एवम कृषि
संस्थान के अनुसार विश्व में लगभग ९ करोड़ खजूर के
वृक्ष हैं। हर खजूर का जीवन एक सौ सालों से अधिक होता
है। इनमें से साढ़े छे करोड़ खजूर के वृक्ष केवल अरब
देशों में हैं जिनसे प्रतिवर्ष २ करोड़ टन खजूर के फल
हमें प्राप्त होते है। खजूर का फल चार-पाँच साल में
फलना प्रारंभ हो जाता है और दस बारह सार में पूरी
उत्पादन क्षमता पा लेता है।
खजूर की ऊपरी सतह
चिकनी होने से धूल मिट्टी बैठने की संभावना होती है।
इसलिए खजूर खरीदते समय सही पैकिंग वाला ही खरीदना
चाहिए और प्रयोग में लाने से पहले साफ़ पानी से अच्छी
तरह धो लेना चाहिए। |