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स्वाद और स्वास्थ्य

तरावट तरबूज की

 क्या आप जानते हैं?

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तरबूज सूजन कम करता है और जोड़ों के दर्द में इससे लाभ होता है।
 

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तरबूज खनिज और विटामिनों का भंडार है, इसमें बहुत ही कम कैलोरी होती हैं और वसा बिलकुल नहीं होती इस कारण यह वजन कम करने का सबसे अच्छा साधन है।
 

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मधुमक्खियों के बिना तरबूज की खेती लगभग असंभव है।
 


तरबूज गर्मी का फल है। सस्ता होने के कारण हर वर्ग के लोग इसका उपयोग कर सकते हैं। ऊपर से हरा अंदर से लाल, काले बीजों वाला यह फल दिखने में मनमोहक एवं स्वाद व गुणों में बेमिसाल है। तरबूज, कलिंदा, मतीरा, पानीफल इत्यादि कई नामों से जाना जाता है।

पोषक तत्व

तरबूज के फल में निम्न पोषक तत्व पाए जाते हैं: जल-९५.८ ग्राम, प्रोटीन- ०.२ ग्राम, वसा-०.२ ग्राम, रेशा- ०.२ ग्राम, कार्बोहाइड्रेट-३.३ ग्राम, कैल्शियम-११ मि.ग्रा, फास्फोरस- १२ मि.ग्रा., लौह तत्व- ७.९ मि.ग्रा., थायेमीन- ०.०२ मि.ग्रा., रिबोफ्लेविन- ०.०४ मि.ग्रा., नियासिन- ०.०१ मि.ग्रा., विटामिन सी- १ मि.ग्रा., ऊर्जा- १६ कि. कैलोरी। आयुर्वेद विशेषज्ञों के मतानुसार इसका रस दिलो-दिमाग में नई स्फूर्ति देने वाला स्वादिष्ट पौष्टिक पेय है, यह प्रकृति प्रदत्त ठंडाई है।

औषधीय प्रयोग

  • जिन व्यक्तियों को कब्ज की शिकायत रहती है, उनके लिए तरबूज का सेवन करना अच्छा रहता है, क्योंकि इसको खाने से आँतों को एक प्रकार की चिकनाई मिलती है।

  • तरबूज का सेवन उच्च-रक्तचाप को बढ़ाने से रोकता है। चीन निवासी तरबूज का बीज बहुत खाते हैं, संभवतः यही कारण है कि चीन के निवासियों का रक्तचाप कम रहता है।

  • खाना खाने के पश्चात तरबूज का रस पीने से भोजन शीघ्र पच जाता है। इससे जठराग्नि तीव्र होती है, खून बढ़ता है। गरमी के कारण सिरदर्द हो तो तरबूज का रस, मिश्री मिलाकर पीना चाहिए।

  • ग्रीष्म ऋतु में पसीना अधिक निकलने से शरीर में लवणों की कमी हो जाती है और प्यास भी अधिक लगती हैू। इसके खाने से शरीर में लवणों की पूर्ति हो जाती है। साथ में में प्यास भी शान्त हो जाती है। तरबूज का सेवन धूप से होने वाले हानिकारक प्रभावों को रोकता है।

  • जिन व्यक्तियों का पेशाब ठीक से नहीं उतरता हो या कष्ट से उतरता हो, उन्हें चाहिए कि वे इसका अधिकाधिक उपयोग करें, इसकी वजह से पेशाब खुलकर आता है, मूत्राशय सम्बन्धी रोग नष्ट होते हैं। मानसिक श्रम करने वालों के लिए इसका रस फायदेमंद होता है। तरबूज

  • थकान दूर करता है और प्यास बुझाता है, इसके रस के सेवन से लू लगने का अंदेशा भी नहीं रहता।

  • मोटापा कम करने वालों के लिए उत्तम आहार है। पीलिया के रोगियों को तरबूज का सेवन करना बहुत लाभकारी रहता है, क्योंकि यह खून को बढ़ाता है व खून को साफ करता है, इसके साथ त्वचा रोगों में भी यह फायदेमंद है।

  • तरबूज के बीज की गिरी बहुत पौष्टिक तथा स्वादिष्ट होती है। यह ठंडाई व मिठाई में काम आती है, इसकी तासीर ठंडी होती है।

  • तरबूज की गिरी को पीसकर रस निकालें, इस रस की मसूढ़ों पर मालिश करने से मसूढ़े मजबूत होते हैं। मुँह की बदबू दूर होती है।

तरबूज खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि फल ताजा हो, कटा-फटा व बासी नहीं होना चाहिए। तरबूज को ठंडे पानी में १-२ घंटे डालकर उपयोग में लेना चाहिए। तरबूज को खाली पेट नहीं खाना चाहिए। भोजन के बाद थोड़ी मात्रा में काला नमक, काली मिर्च डालकर उपयोग में लेना चाहिए। इससे इसके स्वाद में बढ़ोत्तरी होती है और यह आसानी से पच जाता है।

८ जुलाई २०१३

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