साल भर मिलने वाले चुकन्दर का उपयोग सलाद में
सर्वाधिक होता है। इसके पत्तों की सब्जी भी बनाई
जाती है। चुकन्दर में लौह तत्व बहुत होता है इसलिए
यह रक्त की कमी वाले व्यक्तियों के लिए लाभकारी
है। आयुर्वेद के अनुसार चुकन्दर मधुर, रक्तवर्धक,
पुष्टिकर, विरेचक तथा मानसिक विकार दूर करने वाला
होता है। सफेद के बजाए लाल चुकन्दर ज्यादा गुणकारी
रहता है। लाल चुकन्दर कब्ज, आँतों की सूजन, जिगर
की बीमारियाँ, मुहाँसों तथा मासिक धर्म की
बीमारियों में फायदा करता है। यह लहसुन की महक को
दूर करता है, इसलिये कच्चा लहसुन खाने के बाद अगर
एक पतला स्लाइस चुकंदर का खाएँ तो लहसुन की महक
मुँह से नहीं आती है। ऊँगलियों से चुकंदर का लाल
रंग हटाने के लिये उन्हें नीबू और नमक से रगड़ना
चाहिये।
रासायनिक विश्लेषण
रासायनिक विश्लेषण के अनुसार इसमें ८७.७ प्रतिशत
नमी, ८.८ प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, १.७ प्रतिशत
प्रोटीन, ०.१ प्रतिशत वसा, ०.८ प्रतिशत खनिज तथा
०.९ प्रतिशत रेशा पाया जाताा है। सौ ग्राम चुकन्दर
में १ मिलीग्राम लोहा तथा १८.३ मिलीग्राम कैल्शियम
तथा ५५ मिलीग्राम फॉस्फोरस पाया जाता है। इसमें
विटामिन बी काम्पलेक्स, विटामिन डी तथा सी भी
प्रचुर मात्रा में रहते है। चुकंदर में पाया जाने
वाला बीटा सायनिन नशे के बाद होने वाले हैंग ओवर
को दूर करने के का बहुत अच्छा साधन है। चुकंदर में
पाया जाने वाला बीटेन नामक एक और पदार्थ मस्तिष्ट
को शांत रखने और स्नायुओं को आराम पहुँचाने में
सहयोग करता है। इसलिये मानसिक रोगियो के लिये
प्रयोग में आने वाली अनेक दवाओं में इसका उपयोग
होता है। चुकंदर में पाया जाने वाला बोरोन नामक
तत्व मानव प्रजाति में यौन हारमोन के उत्पादन में
महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
औषधीय उपयोग
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चुकन्दर में
’बिटिन‘ नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर में
कैंसर तथा ट्यूमर बनने की संभावनाओं को नष्ट
कर देता है तथा यह शरीर में रोगों से लड़ने की
प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है। |
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चुकन्दर के
नियमित सेवन से दूध पिलानेवाली स्त्रियों के
दूध में वृद्धि होती है। चुकन्दर का नियमित
सलाद खाते रहने से पेशाब की जलन में फायदा
होता है। पेशाब के साथ कैल्शियम का शरीर से
निकलना बन्द हो जाता है। |
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कब्ज तथा बवासीर
में चुकन्दर गुणकारी है। रोज इसके सेवन से
कब्ज तथा बवासीर की तकलीफ नहीं रहती। एनीमिया
(रक्ताल्पता) में एक कप चुकन्दर का रस दिन में
३ बार लें। सुबह शाम रोज १ कप चुकन्दर का रस
सेवन करने से स्मरणशक्ति बढ़ती है। इससे दिमाग
की गर्मी तथा मानसिक कमजोरी दूर होती है। |
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एक कप चुकन्दर
के रस में एक चम्मच नीबू का रस मिलाकर पीने से
पाचन क्रिया की अनियमितताएँ दूर होती हैं तथा
उल्टी, दस्त, पेचिश, पीलिया में लाभ होता है।
रोजाना सोने से पहले एक कप चुकन्दर का रस पीने
से बवासीर में लाभ होता है। चुकन्दर के रस में
एक चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट
पीने से गेस्ट्रिक अल्सर में फायदा होता है। |
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चुकन्दर के रस
में गाजर तथा खीरे का रस मिलाकर सेवन करने से
गुर्दे तथा गाल ब्लेडर की सफाई होती है।
चुकन्दर का रस एक कप दिन में दो बार पीने से
या १०० ग्राम चुकन्दर का नियमित सेवन करने से
गुर्दे सम्बन्धी रोगों में फायदा होता है। |
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चुकन्दर के रस
में गाजर का रस तथा पपीता या संतरे का रस
मिलाकर दिन में २ बार सेवन करने से उच्च
रक्तचाप में लाभ होता है। स्त्रियों के
गर्भाशय सम्बन्धी रोगों में चुकन्दर विशेष
लाभकारी है। बार-बार गर्भपात होता है या कम
मासिक आने में बी यह लाभदायक होता है। इसके
लिये एक प्याला चुकन्दर का रस सुबह खाली पेट
पीना चाहिए। |
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गर्भवती
स्त्रियों को चुकन्दर, गाजर, टमाटर तथा सेव का
रस मिलाकर पिलाने से उनके शरीर में विटामिन
ए.सी.डी तथा लोहे की कमी नहीं हो पाती। यह
रक्तशोधन करके शरीर को लाल सुर्ख बनाने में
सहायता करता है। |
चुकन्दर की पत्तियाँ
पत्तों के साथ खाने से चुकन्दर शरीर में जल्द हजम
हो जाता है। चुकन्दर के पत्तों का रस गुनगुना गर्म
करके कान में डालने से कान दर्द में फायदा होता
है। चुकन्दर के पत्तों के रस में शहद मिलाकर दाद
पर लगाने से दाद ठीक हो जाते हैं।
सौन्दर्यवर्धक उपयोग
चुकन्दर के रस में टमाटर का रस तथा एक चम्मच हल्दी
का पाउडर मिलाकर कुछ दिन लगातार सेवन करने से
त्वचा का रंग साफ हो जाता है। रूसी हो जाने पर
चुकन्दर के रस में सिरका मिलाकर सिर पर लगाने से
कुछ दिनों में रूसी में फायदा होता है। भोजन में
नियमित रूप से करीब १०० ग्राम चुकन्दर खाने से
नाखून लाल एवं चमकदार हो जाते हैं। उनका उड़ा हुआ
रंग या धब्बे मिटते हैं तथा नाखून टूटने बन्द हो
जाते हैं। हाथ-पैर बहुत फटते हों, तो चुकन्दर को
पानी में उबालकर उस काढ़े में हाथ पैर डुबोकर रखने
से लाभ होता है। हाथ पैरों पर काढ़ा लगाते रहने से
वे फटना बन्द हो जाते हैं।
२३
सितंबर २०१३