कथा
(यू .के .) के मुख्य सचिव एवं
प्रतिष्ठित कथाकार श्री तेजेंद्र शर्मा ने
लंदन से सूचित किया है कि वर्ष 2006 के
लिए अंतर्राष्ट्रीय इंदु शर्मा कथा सम्मान
वरिष्ठ कथाकार और नाटककार श्री असग़र
वजाहत को राजकमल प्रकाशन से 2005 में
प्र्रकाशित उपन्यास 'कैसी आगी लगाई' पर
देने का निर्णय लिया गया है। इस
पुरस्कार के अन्तर्गत दिल्ली लंदन दिल्ली का
आने जाने का हवाई यात्रा का टिकट (एअर
इंडिया द्वारा प्रायोजित) एअरपोर्ट टैक्स इंगलैंड के लिए वीसा
शुल्क
शील्ड शॉल लंदन में एक सप्ताह तक
रहने की सुविधा तथा लंदन के
खासखास दर्शनीय स्थलों का भ्रमण
आदि शामिल होंगे। यह सम्मान श्री
असग़र वजाहत को लंदन के हाउस ऑफ़
लॉर्डस में 23 जून 2006 की शाम को एक
भव्य आयोजन में प्रदान किया जाएगा।
यह पहला अवसर होगा जब किसी भी
भारतीय भाषा के लिए कोई सम्मान हाउस
ऑफ लॉर्डस में दिया जाएगा।
इंदु शर्मा
मेमारियल ट्रस्ट की स्थापना
संभावनाशील कथा लेखिका एवं कवयित्री
इंदु शर्मा की स्मृति में की गई थी। इंदु
शर्मा का कैंसर से लड़ते हुए अल्प आयु
में ही निधन हो गया था। अब तक यह
प्रतिष्ठित सम्मान सुश्री चित्रा मुद्गल
सर्वश्री संजीव ज्ञान चतुर्वेदी
एस आर हरनोट विभूति नारायण राय
तथा प्रमोद कुमार तिवारी को प्रदान किया
जा चुका है।
श्री असग़र
वजाहत का जन्म 5 जुलाई 1946 को हुआ
था। उन्होंने अपनी पीएचडी तक की पढ़ाई
अलीगढ़ मुस्लिम युनिवर्सिटी से की।
उनके लेखन में तीन कहानी संग्रह
चार उपन्यास छः नाटक और कई दूसरी
रचनाएं हैं। वे टीवी व फ़िल्म लेखन
और निर्देशन से भी जुड़े रहे हैं।
आजकल श्री असग़र वजाहत 'कैसी आगी
लगाई' उपन्यास के दूसरे खंड पर काम कर
रहे हैं। इनके नाटक 'जिस लहौर नी
वेख्या' ने पिछले पंद्रह बरसों से पूरी
दुनिया में धूम मचाई हुई है। इस
नाटक के अब तक देश विदेश में एक हज़ार
से अधिक प्रदर्शन हो चुके हैं।
कथा
यू.के. ने सदा से ही फ़ि़ल्म स्क्रिप्ट
लेखन फ़िल्मी गीत लेखन एवं फ़िल्मों
से जुड़ी अन्य विधाओं को
विश्वविद्यालयों के पाठयक्रम में
शामिल किए जाने की वकालत की है। अपनी
इसी विचारधारा के अंतर्गत वर्ष 2006 के
लिये पद्मानंद साहित्य सम्मान श्री
गोविंद शर्मा को उनकी जनोपयोगी
पुस्तक 'हिंदी सिनेमा पटकथा लेखन' के लिए
दिया जा रहा है। श्री शर्मा ने लेखन की
शुरूआत सेना में रहते हुए एक नाटक से
की और फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा। नवें
दशक में टीवी से जुड़े और 'बीपीएल'
'एक से बढ़ कर एक' 'माल है तो ताल
है' 'गड़ बड़' जैसे सफल सीरियल
लिखे। उन्होंने फ़िल्मों की पटकथाएं भी
लिखी हैं। यही किताब वे अंग्रेजी में
भी लिख रहे हैं। इससे पूर्व इंग्लैंड के
प्रतिष्ठित हिंदी लेखकों क्रमशः डॉ
सत्येंद्र श्रीवास्तव सुश्री दिव्या
माथुर श्री नरेश भारतीय भारतेंदु
विमल अचला शर्मा और उषा राजे
सक्सेना को पद्मानंद साहित्य सम्मान
से सम्मानित किया जा चुका है।
ट्रस्ट उन
सभी लेखकों पत्रकारों संपादकों
मित्रों और शुभचिंतकों का हार्दिक आभार
मानते हुए उनके प्रति धन्यवाद ज्ञापित
करता है जिन्होंने इस वर्ष के पुरस्कार
चयन के लिए लेखकों के नाम सुझा कर
हमारा मार्गदर्शन किया और हमें अपनी
बहुमूल्य संस्तुतियां भेजीं।
सूरज
प्रकाश
(भारत में ट्रस्ट के प्रतिनिधि)
24
मई 2006
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