नार्वे
व भारत से सांस्कृतिक समाचार
सुरेशचन्द्र
शुक्ल 'शरद आलोक' एंव जय शंकर पुरस्कृत
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डा
. सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक'
को साहित्यिक एंवम् सांस्कृतिक सेवा के लिए पुरस्कृत किया
जायेगा। यह घोषणा 14 जनवरी 2001 को ओसलो में
आयोजित एक समारोह में 'कूफूरा'
'आर्टिस्ट्स एन्ड राइटर्स अगेन्स्ट रेसिज्म' की मन्त्री ब्रित बेक्केदाल
ने की। इसके पूर्व 9 सितम्बर 2001 को ओसलो में इण्डो
नार्विजन इनफारमेशन एण्ड कल्चरल फोरम के तत्वाधान में
आयोजित तेरहवें अन्तर्राष्ट्रीय समारोह में युवा संगीतकार तबला वादक जय शंकर को पुरस्कृत किया
गया था। समारोह में विभिन्न देशों के
लेखकों ने अपनी
कवितायें पढ़ीं तथा कलाकारों ने नृत्य और संगीत के कार्यकम
प्रस्तुत किये। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं कारी पाहले। |
चित्र
में : बायें से डा .अमलेन्दु गुहा, सेन्टर पार्टी के प्रतिनिधि
स्ताइनउल्फ थुन्गेसवीक, सोशलिस्ट लेफ्टिस्ट पार्टी की नेता
कारी पाहले सम्बोधित करती हुई, भारतीय दूतावास के सचिव
उजागर सिंह और सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' |
भारत
से सांस्कृतिक समाचार
स्पाइल 'दर्पण'
के तत्वाधान में देश विदेश के
लेखकों को सम्मानित किया गया। लखनऊ,
भारत में 23 नवम्बर 2001 को स्पाइल के स्थानीय कार्यालय में विदेशों
में हिन्दी के प्रचार पर व्याख्यान माला एंव देशविदेश के लेखकों
को हिन्दी सेवा के लिए सम्मान समारोह सम्पन्न हुआ।
आयोजन
में प्रमुख वक्ताओं में थे माननीय केशरी नाथ त्रिपाठी साहित्यकार
एंव विधान सभा अथ्यक्ष उत्तर प्रदेश, माननीय शंभूनाथ
साहित्यकार एंव प्रमुख सचिव राज्यपाल, स्पाइल के सम्पादक सुरेशचन्द्र शुक्ल
'शरद
आलोक',
हिन्दी विभाग लखनऊ
विश्वविद्यालय
से डा . ओम प्रकाश त्रिवेदी, उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान के निदेशक
सच्चिदानन्द पाठक हिन्दी संस्थान की उपनिदेशक एंव साहित्यकार डा .विद्याविन्दु
सिंह।
आयोजित
कार्यक्रम में देशविदेश के लेखकों को हिन्दी सेवा के लिए
सम्मानित किया गया। सुरेशचन्द्र शुक्ल 'शरद
आलोक'
की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम में देशविदेश के लेखकों को
हिन्दी सेवा के लिए सम्मानित किया प्रतिष्ठित कवि एंव उत्तर प्रदेश के विधान सभा अथ्यक्ष केशरी नाथ त्रिपाठी ने।
गणमान्य अतिथितियों में पेरिस, फ्रांस के ओम प्रकाश पाण्डेय,
कनाडा के टी . डी .द्विवेदी तथा आलोक रंजन, भारत से डा .रमा सिंह,
सोम ठाकुर, शशांक प्रभाकर और भैयाजी थे। इसके अतिरिक्त डा
.विद्याबिन्दु
सिंह और अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी समिति के शशि प्रकाश सिंह को सम्मानित
किया गया।
डा .दुर्गाशंकर मिश्र
दिविक रमेश को एक और
राष्ट्रीय पुरस्कार
कलपान्त द्वारा स्थापित
प्रकाशवीर
शास्त्री पुरस्कार 20012002 हिन्दी के सुप्रतिष्ठित कवि दिविक रमेश को उनकी उत्कृष्ट साहित्यिक
कला सांस्कृतिक सेवाओं के लिए 18 जनवरी को दिल्ली में आयोजित
एक भव्य समारोह में समर्पित किया गया ।
आई
आई एम बैंगलोर के वार्षिक उत्सव उन्माद 2002 में कवि
सम्मेलन
भारत
के अग्रणी बिसनेस स्कूल आई आई एम बैंगलोर नें 25 से 27
जनवरी तक अपना वार्षिक उत्सव उन्माद 2002 मनाया । इसमे
कार्यक्रम की शुरूआत पहली बार कवि सम्मेलन के साथ हुई। कर्नाटक के
आई टी मिनिस्टर नें दीप प्रज्जव्लित कर के इस आयोजन को हरी झंडी
दिखाई और उसके बाद श्रोताओं नें कवि सम्मेलन का आनंद
लिया।
कवि सम्मेलन में सबसे पहले नगर के कवि विनय नोंक नें
सरस्वती वन्दना द्वारा माता शारदा की स्तुति की तथा इसके बाद अपनी
चुटीली रचनाओं से श्रोताओं को गुदगुदाया। अभिनव शुक्ला नें
संसद और आई आई एम को जोड़ती एक रचना पढ़ी जिसके बाद
श्रोताओं ने उन्हें मंच से उतरने ही नहीं दिया इसके बाद उन्होंने
भारतीय बैंको पर एक हास्य रचना सुनाई तथा फिर पाकिस्तान को अपनी
कलम द्वारा चेताया कि वो अपनी हरकतों से बाज़ आ जाए।इस युवा
साफ्टवेयर इंजीनियर के काविता पढ़ने के अंदाज़ को लोगों नें
काफी सराहा। मंच पर उपस्थित एकमात्र कवियत्री श्रीमती विद्या कृष्णा नें
इसके बाद अपनी रचनाएं सुनाईं ।
तमिल
भाषी विद्या की हिन्दी रचनाएं मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण थीं।
वरिष्ठ कवि घनश्याम तिवारी और डा एन के सोनी नें भी अपनी
रचनाओं का पाठ किया । कवि सम्मेलन का संचालन नगर के ही
निहाल हाशमी नें किया तथा कवि सम्मेलन की अध्यक्षता बुज़ुर्ग
शायर श्री तिलकराज सेठ तलब नें की। कार्यक्रम के अंत में
अभिनव शुक्ला नें ठीक एक वर्ष पहले हुए गुजरात हादसे में हताहत
हुए लोगों को श्रद्धसुमन अर्पित करते हुए एक रचना पढ़ी तथा सभी
कवियों व आई आई एम के छात्रों को धन्यवाद दिया कि उन्होंने
बैंगलोर नगर में हिन्दी साहित्य के दीप को जलाए रखा और इस तरह
का आयोजन किया। इस आशा के साथ कि भविष्य में ऐसे अन्य
कार्यक्रम भी आयोजित होंगे सभी नें विदाई ली।
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